वसूली गैंग से जुड़े हैं 16 जिलों के एआरटीओ व सिपाही Gorakhpur News
ओवरलोड ट्रक पास कराने के लिए रुपये देने वाले ट्रांसपोर्टर को टोकन मिलता था जो एक माह तक चलता था। मधुबन होटल में मिले रजिस्टर में इन लोगों के नाम मोबाइल नंबर व लेनदेन दर्ज है।
गोरखपुर, जेएनएन। ओवरलोडिंग गाडिय़ों को पास कराने वाले गैंग से 16 जिलों के एआरटीओ/पीटीओ, सिपाही व दलाल जुड़े थे। मधुबन होटल में मिले रजिस्टर व डायरी में इन लोगों के नाम, मोबाइल नंबर व लेनदेन का विवरण दर्ज है। गैंग के सरगना से इनके जुड़े होने का इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्य भी मिला है।
मधुबन होटल के मालिक धर्मपाल सिंह व सिब्बू ढाबा के संचालक मनीष से एसटीएफ ने शुक्रवार की देर रात तक पूछताछ की। उन्होंने बताया कि उनके नेटवर्क में एआरटीओ उनके ड्राइवर व साथ में चलने वाले सिपाही जुड़े हैं। ओवरलोड ट्रक पास कराने के लिए यह लोग हर जिले का रेट तय करते थे। ट्रांसपोर्टर से वसूले गए रुपये और गाड़ी नंबर अपने कर्मचारियों से संबंधित अधिकारी तक पहुंचा देते थे। रुपये देने वाले ट्रांसपोर्टर की गाड़ी नहीं पकड़ी जाती थी। जिन जिलों के एआरटीओ रुपये नहीं लेते थे उन जिलों में कर्मचारी रुपये लेकर ट्रक पास कराते थे।
एसटीएफ ने इनके खिलाफ दर्ज कराया केस
मधुवन होटल, सिब्बू ढाबा मालिक समेत आठ लोगों को एसटीएफ ने मुख्य आरोपित बनाया है। गैंग से जुड़े आरटीओ विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का नाम फर्द में दर्ज है। आरोप है कि यह लोग रुपये लेकर ओवरलोड ट्रक पास कराते थे। एफआइआर में गोरखपुर के एआरटीओ एसपी श्रीवास्तव, पीटीओ इरशाद अली, सिपाही संजय सिंह उर्फ मंटू, नृपेंद्र सिंह, अनूप सिंह, अवधेश सिंह, देवरिया में चतुर्वेदी जी, शुक्ला जी दीवान, कुशीनगर के एआरटीओ संदीप कुमार पंकज, महराजगंज के एआरटीओ आरएस भारती, सिपाही मान सिंह, मऊ के एआरटीओ अवधेश सिंह, पीटीओ मानवेंद्र सिंह, सिपाही चंद्रजीत, रमेश पटेल, चंद्रपाल यादव और प्राइवेट ड्राइवर कमालू, आजमगढ़ के एआरटीओ संतोष सिंह, सिपाही लल्लन गौड़, जौनपुर आरटीओ के सिपाही अनिल पटेल, पाठक, पंकज सिंह, अंबेडकरनगर के एआरटीओ केएन सिंह उनके भांजा बबलू सिंह, बस्ती आरटीओ के सिपाही संजय सिंह, नृपेंद्र सिंह, बलिया के एआरटीओ का प्राइवेट चालक राजेश यादव, संतकबीरनगर के पीटीओ संदीप चौधरी, गाजीपुर के एआरटीओ रामसिंह यादव, प्रयागराज के रहने वाले प्राइवेट व्यक्ति सैफ, फैजल, सोनभद्र आरटीओ के सिपाही आशुतोष सिंह, मिर्जापुर आरटीओ के सिपाही विपिन चौधरी, पिंटू यादव, भदोही आरटीओ के सिपाही योगेंद्र सिंह का नाम शामिल है।
टोकन लेने वाले का ट्रक पकड़े जाने पर धर्मपाल भरता था जुर्माना
ओवरलोड ट्रक पास कराने के लिए रुपये देने वाले ट्रांसपोर्टर को टोकन मिलता था, जो एक माह तक चलता था। क्रास चेकिंग में अगर किसी आरटीओ या एआरटीओ ने ट्रक का चालान कर दिया तो धर्मपाल व मनीष जुर्माना राशि जमा करते थे। मधुवन होटल का मालिक धर्मपाल सिंह इस नेटवर्क को चलाने के लिए महीनेवार रजिस्टर मेंटेन करता था। हर जिले के अलग-अलग रजिस्टर बनाया गया था। जिस पर रुपये देने वाले ट्रांसपोर्टर, ट्रक नंबर और चालक का पूरा हिसाब लिखा जाता था। धर्मपाल के दो खास कर्मचारी श्रवण और दीपू इन नंबरों को रजिस्टर पर दर्ज करते थे। दर्ज नंबरों को अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल पर वाट्सएप के जरिये भेज दिया। जिन गाडिय़ों के मालिक ने ओवरलोडिंग को लेकर एंट्री फीस जमा की होती है उन गाडिय़ां को पूरे महीने कोई टच नहीं करता था। यही नहीं बाहर की कोई टीम चेकिंग के लिए आती थी तो उनका लोकेशन बताकर गाडिय़ों को ढाबा पर खड़ा कर दिया जाता था।
तीन साल पहले धर्मपाल सिंह से अलग हुआ था मनीष
सिब्बू ढाबा का संचालक मनीष सिंह पहले धर्मपाल सिंह के साथ काम करता था। तीन साल पहले अलग होकर अपना अलग नेटवर्क खड़ा कर लिया। आरटीओ विभाग के अधिकारियों व सिपाहियों से बातचीत कर ओवरलोड ट्रक को पास कराने का काम शुरू कर दिया।
पांच जिलों में सैफ व फैजल पास कराते थे ओवरलोड ट्रक
प्रयागराज के रहने वाले सैफ व फैजल खान पांच जिलों में ओवरलोड ट्रक पास कराते थे। प्रयागराज के अलावा गोंडा, बहराइच और सुलतानपुर जिले में इनका सिक्का चलता था। आरटीओ के सचल दस्ते में चलने वाले सिपाही व चालक की मदद से रात में आठ बजे से भोर में पांच बजे के बीच ओवरलोड ट्रकों को पास कराते थे।
अलग-अलग जिलों का अलग-अलग रेट
ओवरलोड ट्रक, कंटेनर को पास कराने का रेट हर जिले में अलग-अलग तय था। यह रकम अधिकारी तय करते थे। तय रकम में एक हजार अधिक जोड़कर धर्मपाल सिंह और मनीष वसूली करते थे। ओवरलोड वाहन जितने जिले से होकर गुजरता था ट्रांसपोर्टर को उसके हिसाब से रुपये देने पड़ते थे। सोनभद्र से गिट्टी और बालू लेकर आने वाले ट्रक से मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर, मऊ होते हुए गोरखपुर आने पर इन जिलों की एंट्री फीस लिया जाता था।
लड़की की शादी के लिए होटल बुक कराने के बहाने पहुंची थी टीम
ओवरलोड ट्रकों को पास कराने वाले गैंग की शिकायत अक्टूबर 2019 में प्रमुख सचिव गृह से की गई थी। शिकायती पत्र में गैंग से जुड़े सिपाहियों व अधिकारियों के नाम व मोबाइल नंबर थे। अधिकारियों ने एसटीएफ गोरखपुर को इसकी जांच सौंप दी। तीन माह तक चली छानबीन में आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर तीन दिन पहले एसटीएफ की पूरी टीम मधुवन होटल पहुंची। लड़की की शादी के लिए होटल बुक कराने के बहाने धर्मपाल सिंह से मिले। सिब्बू ढाबा पर रुककर पूरी टीम ने नाश्ता किया। सभी सदस्यों का लोकेशन लेने के बाद शुक्रवार को दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।