Gorakhpur University Recruitment 2021: गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षक व शिक्षणेत्तर पद के लिए आवेदन अब 20 जुलाई तक
Gorakhpur University Recruitment 2021 आवेदन पत्र और संलग्नकों की हार्डकापी रजिस्ट्री या स्पीडपोस्ट के माध्यम से अब 22 जुलाई तक विश्वविद्यालय में भेजी जा सकती है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक आनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 28 जून और फार्म हार्ड कापी भेजने की तिथि 30 जून निर्धारित थी।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षक और शिक्षणेत्तर पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। इच्छुक अभ्यर्थी अब 20 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र और संलग्नकों की हार्डकापी रजिस्ट्री या स्पीडपोस्ट के माध्यम से अब 22 जुलाई तक विश्वविद्यालय में भेजी जा सकती है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक आनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 28 जून और फार्म हार्ड कापी भेजने की तिथि 30 जून निर्धारित थी।
प्रो. शोभा गौड़ बनी शिक्षाशास्त्र विभाग की अधिष्ठाता व अध्यक्ष
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के अध्यक्ष और अधिष्ठाता पद की जिम्मेदारी प्रो. शोभा गौड़ को सौंपी गई है। उन्होंने प्रो. एनपी भोक्ता से अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर प्रो. गौड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा को बनाए रखने, विकास करने और छात्र हित में कार्य करने के लिए वह सदैव तत्पर रहेंगी। प्रो. शोभा गोरखपुर विश्वविद्यालय और महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कार्य परिषद की सदस्य होने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के अलकनंदा महिला छात्रावास कि अभिरक्षिका भी हैं। उनके कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर डा. राजशरण शाही, प्रो. चंद्रशेखर, प्रो. सुधा यादव, प्रो. रूसीराम महानंदा, प्रो. गोपाल प्रसाद, प्रो. आलोक गोयल आदि मौजूद रहे।
शैक्षिक महासंघ ने उच्च शिक्षा मंत्री को भेजा मांगपत्र
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रभारी और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई के सरंक्षक महेंद्र कुमार ने उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा को एक मांग पत्र प्रेषित किया है। पांच सूत्री मांगपत्र में उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री से महाविद्यायलों के अध्यापकों को यूजीसी विनियमन-2018 के अनुसार प्रोफेसर पदनाम के लिए आदेश जारी करने, महाविद्यालय के अध्यापकों को शोध कराने का अधिकार देने, वित्तपोषित महाविद्यालयों के बचे हुए मानदेय शिक्षकों का विनियमितीकरण करने, वित्तपोषित महाविद्यालय के स्व-वित्तपोषित अध्यापकों को यूजीसी का वेतनमान दिलाने की मांग रखी।