गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाकर योगी से मिलीं अनुराधा पौडवाल Gorakhpur News
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर महोत्सव में प्रस्तुति का न्यौता स्वीकार करने के लिए अनुराधा को धन्यवाद दिया उन्हें मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के महात्म्य की कथा सुनाई परंपरा की जानकारी दी।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर महोत्सव की भजन संध्या में प्रस्तुति देने शहर पहुंचीं मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल मंगलवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और खिचड़ी चढ़ाई। खिचड़ी चढ़ाने की आनुष्ठानिक प्रक्रिया संपन्न करने के बाद अनुराधा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
राम मंदिर फैसले के बाद प्रदेश की व्यवस्था को लेकर योगी को दिया धन्यवाद
करीब 10 मिनट की मुलाकात के दौरान अनुराधा ने राम मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री को बधाई दी और साथ ही फैसले के बाद प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगडऩे न देने के लिए किए गए प्रयास को लेकर सरकार की जमकर सराहना की।
योगी ने अनुराधा को सुनाई मंदिर में खिचड़ी के महात्म्य की कथा
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर महोत्सव में प्रस्तुति का न्यौता स्वीकार करने के लिए अनुराधा को धन्यवाद दिया, उन्हें मंदिर में खिचड़ी चढ़ाए जाने के महात्म्य की कथा सुनाई और परंपरा की जानकारी दी। अंत में योगी ने अनुराधा को कुंभ-2019 की स्मारिका भेंट की। इस दौरान मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी, दुर्गेश बजाज, अमित सिंह मोनू, विनय गौतम आदि मौजूद रहे।
हर प्रस्तुति पर श्रोताओं ने तालियां बजाकर किया उत्साहवर्धन
गोरखपुर महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को मुख्य मंच पर आयोजित सबरंग में गीत-संगीत की सरिता बही। हर प्रस्तुति ने श्रोताओं को झूमने पर विवश किया। श्रोताओं ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
आरपीएम एकेडमी, ग्रीन सिटी की म्यूजिक टीचर सलोनी मिश्रा ने 'मेरे रश्के कमर, तूने पहली नजर प्रस्तुत किया तो श्रोताओं ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने क्रमश: 'माही वे मोहब्बतां, 'मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से व 'मुस्कराने की वजह तुम हो गीतों से माहौल को खुशनुमा बना दिया। गौतम प्रसाद मिश्रा ने सूफी गीत 'दमादम मस्त कलंदर प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय कर दिया। उन्होंने 'तेरी दीवानी की प्रस्तुति से वाहवाही लूटी।
साक्षी की गीतों पर गूंज उठा पंडाल
इसी क्रम में साक्षी श्रीवास्तव ने 'माटी में मिलल जा ता सुघर जवनिया, उमेश मिश्र ओमी ने 'तन के तंबूरे में व 'सांसों के तार बोले गीत प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। अमित भट्ट ने 'जय माधव व 'पिया नहीं जब गांव में गीत से लोगों को रिझाया। कार्यक्रम के संयोजक हरिप्रसाद सिंह व राकेश श्रीवास्तव थे। लोगों की मांग पर राकेश श्रीवास्तव ने भी एक लोकगीत प्रस्तुत किया। संचालन प्रेम नाथ व आत्रेय ने किया। मुख्य अतिथि डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन व सीडीओ हर्षिता माथुर ने कलाकारों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।