गोरखपुर महोत्सव : अनुराधा पौडवाल ने बांधा समां, केके ने लूट ली महफिल Gorakhpur News
गोरखपुर महोत्सव में अनुराधा पौडवाल का जादू श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला। केके के गीतों पर भी लोग जमकर झूमे।
गोरखपुर, जेएनएन। जानी-मानी गायिका अनुराधा पौडवाल का जादू श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला। गोरखपुर महोत्सव में मंगलवार को उनकी स्वरलहरियों पर शाम झूम उठी। उनके भजनों का आकर्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बांधे रखा। वह गायत्री मंत्र, गणेश वंदना व दो भजन सुनने के बाद ही वहां से निकले। इस दौरान मां शेरावाली का जयघोष भी गूंजा। माहौल भक्तिमय हो गया था।
संगीत संध्या की शुरुआत गायत्री मंत्र व गणेश वंदना से करने के बाद उन्होंने 'मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा' भजन को अपना स्वर दिया। पहले ही बोल पर पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद उन्होंने 'तूने मुझे बुलाया मैं दौड़ा चला आया शेरावालिए' देवी गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि माता का जगराता अकेले नहीं किया जाता, फिर क्या था, श्रोता भी तालियां बजाते हुए उनके स्वर में स्वर मिलाने लगे। मां शेरावाली का भजन सुनकर मुख्यमंत्री रवाना हो गए। तत्पश्चात अनुराधा पौडवाल ने 'श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन' प्रस्तुत कर माहौल में भक्ति का रस घोला। श्रोताओं की मांग पर उन्होंने अनेक भजनों व गीतों की प्रस्तुति दी। हर प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। इसके बाद उन्होंने 'जिंदगी के लिए, बस एक सनम चाहिए', 'लाल दुपट्टा मलमल का', 'क्या करते थे साजना तुम हमसे दूर रह के' सहित अनेक गीतों व भजनों की प्रस्तुति दी।
अनुराधा ने कहा- मैं कुछ नया कर सकूं, अच्छा दे सकूं, मेरा सौभाग्य होगा
अनुराधा पौडवाल का मानना है कि संगीत, संवेदना के स्वर पर ही परवान चढ़ता है। इसलिए हर गायक को पहले संवेदनशील होना होगा। जो जितना संवेदनशील होगा, उतना अ'छा गायक बन सकेगा। आजकल छोटे ब'चे भी रियल्टी शो में बहुत अच्छा कर जाते हैं। इसमें संवेदना काम करती है, रियाज नहीं। यह संवेदना गाड गिफ्टेड होती है। उन्होंने कहा कि अब इस तरह के कार्य करने में मुझे आनंद आने लगा है। यह पूछने पर कि क्या संगीत को अब भी उतना समय दे पाएंगी? उन्होंने कहा, संगीत व सेवा की साधना साथ-साथ चलती रहेगी। फिल्म कालीचरन, आशिकी, दिल है कि मानता नहीं, लाल दुपट्टा मलमल का आदि फिल्मों में उनके गीत काफी लोकप्रिय हुए। इसके बाद टी-सीरीज से निकले उनके भजनों के कैसेट को इतनी सराहना मिली कि उन्होंने भजन व भगवान को जीवन का अंग बना लिया।
धमाकेदार गीतों से सिंगर केके ने लूट ली महफिल
'तू मोहब्बत है, तू आशिकी है' गीत के साथ गोरखपुर महोत्सव के अंतिम दिन की बॉलीवुड नाइट में मशहूर बॉलीवुड सिंगर केके ने जैसे ही मंच पर कदम रखा, पंडाल में उमड़ी भीड़ बेकाबू हो गई। गीत के बीच जब उन्होंने 'हेलो गोरखपुर' कहकर कद्रदानों का अभिवादन किया तो बदले में उन्हें अपने फैंस का शोर के रूप में प्यार मिला। लोगों का उत्साह देख केके भी रोमांच से भर गए और उसके बाद एक-एक कर जब उन्होंंने अपने मशहूर गीतों को सुनाना शुरू किया तो पंडाल में मौजूद लोग झूम उठे।
'खुद का नेक इरादा है', 'सच कह रहा है दिवाना दिल' गाकर उन्होंने गीतों के सिलसिले को आगे बढ़ाया। जैसे ही मंच से 'ओम शांति ओम' फिल्म के गीत 'आंखों में तेरी अजब सी अदाएं है' सुर गूंजे तो लोग मंत्रमुग्ध हो गए। 'तू ही मेरी शब है सुबह है' गीत से तो महफिल सजी तो सर्द रात में लोगों को गर्माहट का अहसास हुआ। हम दिल दे चुके सनम फिल्म के गीत 'तड़प-तड़प के इस दिल से 'आह निकलती रही' सुनकर तो लोग वाह-वाह कर उठे। 'जरा सी दिल में दे जगह तू, जरा सा अपना ले बना ले' के बाद जब केके ने जैसे ही 'दस बहाने करके ले गई दिल' सुनाया तो दर्शक खुद को रोक नहीं सके और डांस के मूड में आ गए। डांस का सिलसिला बना रहे, इसके लिए केके ने 'दिल में बजी घंटी यार' सुनाया। गीतों का क्रम करीब दो घंटे तक चला और लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। जनता की बेहद मांग पर केके ने 'कोई कहे, कहता रहे हमको दिवाना' सुनाकर गीतों के सिलसिले पर विराम लगाया।
दिल्ली की चाट, तंदूरी चाय के भी क्या कहने
महोत्सव के चौथे दिन मंगलवार को भी फूड जोन में जायके का धमाल रहा। लोगों ने राजस्थानी चूरमा लड्डू का जमकर स्वाद लिया। एक दूसरे से कहते भी रहे, महोत्सव में राजस्थानी लड्डू नहीं खाया तो क्या खाया। फूड जोन में लोग स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ बाहर से आए स्टालों पर भी जायका ले रहे हैं। मंगलवार को राजस्थानी लड्डुओं के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। दिल्ली की चाट व तंदूरी चाय का भी लोगों ने जायका लिया। भीषण ठंड के बावजूद लोग फूड जोन में आइसक्रीम खाने के लिए उमड़े। फूड जोन में आइसक्रीम के कुल चार स्टाल लगे थे। पराग की दही, दूध भी चर्चा में रही।