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गोरखपुर शहर में डेंगू का कहर, एक और नागरिक की मौत, पहले हो चुकी है पूर्व पार्षद की मौत Gorakhpur News

सितंबर को डेंगू के विदा होने के समय माना जाता है लेकिन इस बार डेंगू ने नंवबर में भी अपना कहर जारी रखा है। पिछले सप्ताह शेषपुर के पूर्व पार्षद की डेंगू से मौत हुई थी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 09:00 AM (IST)
गोरखपुर शहर में डेंगू का कहर, एक और नागरिक की मौत, पहले हो चुकी है पूर्व पार्षद की मौत Gorakhpur News
गोरखपुर शहर में डेंगू का कहर, एक और नागरिक की मौत, पहले हो चुकी है पूर्व पार्षद की मौत Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शहर में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका परिणाम यह है कि एक और नागरिक की डेंगू से मौत हो गई। कई नागरिक शहर के विभिन्‍न प्राइवेट अस्‍पतालों में भर्ती हैं और जिंदगी से जूझ रहे हैं।

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दो अस्पतालों में जांच में निकला था डेंगू

शहर के दो अस्पतालों की जांच में पता चला था कि उन्हें डेंगू है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग एलाइजा जांच न होने से इस मामले को संदिग्ध डेंगू मान रहा है।

समय समाप्त होने के बाद भी डेंगू पैर फैलाता जा रहा है।

नवंबर में भी कहर जारी

सितंबर को डेंगू के विदा होने के समय माना जाता है, लेकिन इस बार डेंगू ने नंवबर में भी अपना कहर जारी रखा है। पिछले सप्ताह शेषपुर के पूर्व पार्षद की डेंगू से मौत हुई थी। शुक्रवार को डेंगू ने घोड़ा गली, तुर्कमानपुर में रहने वाले शहाबुद्दीन उर्फ गुड्डू को भी निगल लिया। दोनों मौतों को स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध डेंगू माना है। मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत तिवारी का कहना है कि अस्पतालों ने इनके रक्त का नमूना जिला अस्पताल नहीं भेजा था, इसलिए एलाइजा जांच से डेंगू की पुष्टि नहीं हो सकी। रैपिड टेस्ट केवल संदिग्ध डेंगू बताता है।

यहां की जांच के बाद डेंगू की जानकारी हुई

शहाबुद्दीन के पिता कमाल अहमद ने बताया कि शहाबुद्दीन 18 नवंबर को मोहल्ले की एक दुकान में खरीदारी करते समय गश खाकर गिर गए थे। उन्हें उंचवा स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जांच के बाद पता चला कि उन्हें डेंगू हुआ है। उसका प्लेटलेट्स 30 हजार पर पहुंच गया था। तबीयत और खराब होने पर उन्हें गोरखनाथ क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहां भी जांच में डेंगू निकला। तब तक प्लेटलेट्स 20 हजार तक आ गया था। गुरुवार को रात में परिजन उन्हें लेकर पीजीआइ चले गए, वहां बेड खाली न होने से शहाबुद्दीन को बलरामपुर अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


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