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Gorakhpur University: अनुभव प्रमाण-पत्र के लिए कुलसचिव पर भड़के शिक्षक

इस समय बिहार राज्य विवि सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसमें 44 सौ पद हैं। चयन मेरिट के आधार पर होना है। शिक्षण कार्य का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को मेरिट में 10 अंक मिलना है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 10:33 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 10:33 AM (IST)
Gorakhpur University: अनुभव प्रमाण-पत्र के लिए कुलसचिव पर भड़के शिक्षक
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के मुख्‍य गेट का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर से जुड़े स्व-वित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षकों को विश्वविद्यालय की ओर से आधिकारिक अनुभव प्रमाण-पत्र न मिलने से उनकी नाराजगी चरम पर पहुंच गई है। शुक्रवार को उन्होंने अपनी नाराजगी हंगामा करके जताई। हंगामे का नतीजा यह रहा है कि कुलसचिव को अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करना पड़ा। पर शिक्षकों का कहना है कि इस अनुमोदन प्रमाण पत्र बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की मांग के अनुरूप नहीं है। ऐसे में वह इस प्रमाण-पत्र से मिलने वाले 10 अंक के वेटेज से वंचित रह जाएंगे।

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इस समय बिहार राज्य विवि सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसमें 44 सौ पद हैं। चयन मेरिट के आधार पर होना है। शिक्षण कार्य का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को मेरिट में 10 अंक मिलना है। शिक्षकों का कहना है कि उसमें शर्त यह है कि अनुभव प्रमाण पत्र कुलसचिव द्वारा काउंटर साइन होना चाहिए। बीते दो दिन से शिक्षक इसे लेकर कुलसचिव दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है। बिहार विश्वविद्यालय राज्य सेवा के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 339 महाविद्यालयों में तैनात करीब चार हजार शिक्षक आवेदन कर रहे हैं।

खाली चला गया मुख्य नियंता का आश्वासन

विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो. सतीश चंद्र पांडेय ने गुरुवार को शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि उनके अनुभव प्रमाण पत्र को कुलसचिव प्रति हस्ताक्षरित कर देंगे। लेकिन शुक्रवार को उनका आश्वासन तब खाली चला गया जब कुलसचिव ने अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने की बजाय अनुमोदन से सम्बंधित अलग से एक पत्र निर्गत कर दिया। कुलसचिव का पत्र पाकर शिक्षक भड़क गए। उनका कहना है कि जननायक विवि बलिया, अवध विवि फैजाबाद और सिद्धार्थ विवि सिद्धार्थनगर के कुलसचिव द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र को प्रतिहस्ताक्षरित किया जा रहा है तो गोरखपुर विवि के कुलसचिव ऐसा क्यों नहीं कर सकते। दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव डा. ओम प्रकाश का कहना है कि अनुभव प्रमाण पत्र देने का अधिकार काम लेने वाले संस्थान को होता है। ऐसे में स्व-वित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षकों को उनके प्रबंधक यह प्रमाण पत्र जारी करेंगे। विद्यार्थियों का नुकसान न हो इसके लिए अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। अब तक 150 शिक्षकों को अनुमोदन प्रमाण पत्र दिया जा चुका है।


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