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बौद्ध दर्शन के आभा मंडल में दो दिन रहेंगी आनंदी बेन, वीडियो से जानेंगी बुद्ध का जीवन

सिद्धार्थनगर में गौतम बुद्ध के आभा मंडल में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल दो दिन व्यतीत करेंगी। उनके अलौकिक तेज को भी महसूस करेंगी। बुद्ध के जन्मस्थली पर छह घंटे व्यतीत कर अध्यात्म का ज्ञान लेंगी। इस पूरे स्मरण को पुस्तक में लिपिबद्ध कर विश्व को भी बताएंगी।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 08:50 AM (IST)
बौद्ध दर्शन के आभा मंडल में दो दिन रहेंगी आनंदी बेन, वीडियो से जानेंगी बुद्ध का जीवन
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय परिसर में स्थित तथागत अंतरराष्ट्रीय केंद्र अतिथि गृह में ठहरेंगी कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल। जागरण

गोरखपुर, प्रशांत सिंह। सिद्धार्थनगर में गौतम बुद्ध के आभा मंडल में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल दो दिन व्यतीत करेंगी। उनके अलौकिक तेज को भी महसूस करेंगी। बुद्ध के जन्मस्थली पर छह घंटे व्यतीत कर अध्यात्म का ज्ञान लेंगी। इस पूरे स्मरण को पुस्तक में लिपिबद्ध कर विश्व को भी बताएंगी। बौद्ध दर्शन पर आधारित किताब लिखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनके साथ चार सदस्यीय टीम भी यहां आएगी। यह सभी लोग बुद्ध के जीवनकाल को पुस्तक में दर्ज करने में सहयोग करेंगे।

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दो वर्ष से बुद्ध के व्‍यक्तित्‍व व सिद्धांत को जाने का प्रयास कर रही कुलाधिपति

कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल दो वर्ष से बुद्ध के व्यक्तित्व व सिद्धांत को जानने का प्रयास कर रही है। करुणा, शांति व अहिंसा के सिद्धांत के इस जनक के जीवन को प्रयास कर रही हैं। इसी क्रम में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से राज्य भवन पहुंचने वाले प्रत्येक से बुद्ध के संबंध में कम से कम एक से दो प्रश्न जरूर होता है। इसके पूर्व वह जब दो बार दीक्षा समारोह में आई थी। उस समय भी उनके अभिभाषण का सार बुद्ध के सिद्धांतों पर आधारित रहा। लेकिन इस बार तीन दिन का कार्यक्रम निर्धारित हुआ। बुद्धत्व को जानने के साथ उसे आत्मसात करने के लिए उनसे जुड़े हर ऐतिहासिक स्थलों पर जाने का मौका मिलेगा।

बुद्ध का जीवन जानने के लिए सडक मार्ग से जाएंगी लुंबिनी

उनमें बुद्ध के जीवन को जानने के संबंध में जिज्ञासा इतनी है कि लखनऊ से सिविवि के हेलीपैड पर उतरने के बाद दस मिनट में सड़क मार्ग से लुम्बिनी के लिए निकल जाएंगी। वहां पर करीब छह घंटे व्यतीत करेंगी। बुद्ध और कालानमक धान के बीच के इतिहास की जानकारी प्राप्त करेंगी। सिविवि के प्रोफेसर कपिलवस्तु स्तूप की मान्यता व गनवरिया राजप्रसाद (राजमहल) का इतिहास बताएंगे।

लुम्बिनी में इन स्थलों पर जाएंगी राज्यपाल

मां महामाया मंदिर

अशोक स्तंभ

म्यांमार स्वर्ण मंदिर

विश्व को शांति का संदेश देने वाला तालाब

जोंग हुआ बौद्ध शांति स्थल

लुम्बिनी संग्रहालय

सिद्धार्थ विश्‍वविद्यालय के पांचवे दीक्षा समारोह में आ रही कुलाधिपति

सिद्धार्थ विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्‍तवने बताया कि कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल पांचवें दीक्षा समारोह में प्रतिभाग करने के लिए आ रही है। वह कार्यक्रम से दिन पहले आएंगी। दो दिनों तक उनका बौद्ध स्थलों का भ्रमण करने का कार्यक्रम हैं। इस दौरान बौद्ध के दर्शन को जानेंगी। गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित पुस्तक लिखने के लिए वह यहां जा रही हैं। जब भी उनसे राज्य भवन में मुलाकात हुई हैं, उन्होंने बुद्ध के संबंध में कुछ सवाल अवश्य किए हैं।


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