गोरखपुर में सभी नदियां खतरे के निशान से पार, एक से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है राप्ती और रोहिन Gorakhpur News
राप्ती नदी शुक्रवार को शाम घट रही थी लेकिन रात से इसमें भी बढ़त शुरू हो गई। शनिवार की सुबह यह नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। शनिवार की सुबह सरयू (घाघरा), राप्ती, रोहिन एवं गोर्रा नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पहले से प्रभावित गांवों में शुक्रवार को बारिश के बाद मुसीबत और बढ़ गई है। आने-जाने के लिए नाव की संख्या बढ़ाई जा रही है। साथ ही राहत सामग्री का वितरण भी शुरू कर दिया गया है।
बारिश से सहायक नदियां भी खतरनाक
सरयू नदी अयोध्या पुल एवं तुर्तीपार, दोनों स्थानों पर बढ़त पर है। राप्ती नदी शुक्रवार को शाम घट रही थी लेकिन रात से इसमें भी बढ़त शुरू हो गई। शनिवार की सुबह यह नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही थी। बारिश के कारण राप्ती की सहायक नदियों में पानी बढ़ने एवं सरयू नदी के खतरे के निशान से ऊपर जाने के कारण राप्ती नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है। रोहिन नदी भी खतरे के निशान से काफी ऊपर है।
गोरखपुर जिले के 80 गांव बाढ़ से प्रभावित
शनिवार की सुबह आठ बजे त्रिमुहानी घाट पर रोहिन नदी खतरे के बिंदू से एक मीटर 54 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। गोर्रा नदी भी शुक्रवार तक घटने के बाद शनिवार से बढ़त पर है। यह नदी खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिले के 80 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शुक्रवार की सुबह हुई भारी बारिश के कारण इन गांवों में मुसीबत और बढ़ गई। अधिकारियों ने अलग-अलग गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। सदर तहसील क्षेत्र के जंगल कौड़िया क्षेत्र के कई गांव की स्थिति ठीक नहीं है। बड़गो गांव में भी चारो ओर पानी भरा है। कोरोना संक्रमण के बीच बाढ़ ने अधिकारियों की भी मुसीबत बढ़ा दी है। प्रभावित लोगों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी जरूरी सामान जुटाए जा रहे हैं। जिले में 144 नाव लगाई गई है, जिसमें से सर्वाधिक सदर तहसील क्षेत्र में है। पंचायती राज विभाग की ओर से 15 नाव लगाई जा चुकी है। विभाग जिले को 40 नाव उपलब्ध कराएगा।
स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सक्रिय
चिकित्सकीय सेवाओं के लिए 48 टीमों का गठन किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में क्लोरीन की गोली एवं ओआरएस के पैकेट का वितरण जारी है। मुख्य चिकित्साधिकारी के अनुसार जिला मुख्यालय पर 265 एंटी स्नेक वेनेम, तथा 16 सीएचसी एवं पीएचसी पर 523 एंटी स्नेक वेनेम उपलब्ध है।