गोरखपुर विश्वविद्यालय में पिछले पाच वषरें के सभी मानदेय का होगा ऑडिट
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पिछले पाच वषरें में सम्पन्न सभी प्रवेश परीक्षाओं के मानदेय की आडिट की जाएगी
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पिछले पाच वषरें में सम्पन्न सभी प्रवेश परीक्षाओं में हुए भुगतान की ऑडिट होगी। दैनिक जागरण में इस वर्ष की साझा प्रवेश परीक्षा में मानदेय निर्धारण में नियम -कानून ताक पर रख दिये जाने बाबत सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित होने के बाद विश्वविद्यालय बैकफुट पर है। वित्त समिति में इस प्रवेश परीक्षा के बजट का पुनरीक्षण कराने के साथ-साथ पिछले पाच वर्ष का ऑडिट कराने का भी निर्णय लिया है। पिछले पाच वषरें की बात करें तो इस अवधि में बहुचर्चित राज्य बीएड प्रवेश परीक्षा-2013 व यूपीसीपीएमटी 2015 भी आती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय की मेजबानी में हुई इस प्रवेश परीक्षा में मानदेय के नाम पर लाखों रुपयों की बंदरबाट की बात परिसर में होती रही है, लेकिन कभी कोई जाच-ऑडिट नहीं हो सकी। अब 2018 की साझा प्रवेश परीक्षा के बजट के सवालों के घेरे में आने के बहाने ही सही पाच सालों की पाई-पाई का हिसाब देखने का निर्णय हुआ है। आडिट में मानदेय निर्धारण के पैमाने की परख तो की ही जाएगी, रजिस्ट्रार और कुलपति जैसे उच्च पदस्थ लोगों को हुए भुगतान पर भी नजर होगी। वित्त समिति ने ऑडिट का निर्णय से परिसर में खासी हलचल है।
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के सूत्रों का मानना है कि पिछले पांच वषरें के मानदेय का आडिट होगा तो विश्वविद्यालय के बड़े ओहदे पर बैठे लोगों के नाम का खुलासा होगा। जिन्होंने प्रवेश परीक्षाओं के नाम पर मानदेय लिया। इसके अलावा उस दिन अपना वेतन भी लिया। इस तरह से बड़े पैमाने पर परीक्षा के नाम पर अनियमितता की गई।