NEET exam: पूर्वांचल की मेधा का नीट में डंका, कुशीनगर की आंकाक्षा को मिला देश में दूसरा स्थान
नीट का परिणाम आने के बाद आकांक्षा ने बताया कि कक्षा आठ तक आइएएस अफसर बनने का सपना था लेकिन एम्स की एक बुकलेट ने लक्ष्य बदल दिया। फिर डाक्टर बनने की जिद ठान ली वह भी एम्स से।
गोरखपुर, जेएनएन। नीट-2020 में देश में दूसरा स्थान हासिल कर पूर्वांचल का मान बढ़ाने वाली कुशीनगर के कसया की आकांक्षा सिंह का कहना है कि पढ़ाई को समय के दायरे में नहीं बांधा जा सकता। निर्धारित विषय तब तक पढऩा होता है, जबतक उसका गहनतम ज्ञान न हो जाए। इसी रणनीति के साथ पढ़ाई की और सफलता के इस मुकाम को हासिल किया।
नीट का परिणाम आने के बाद आकांक्षा ने बताया कि कक्षा आठ तक आइएएस अफसर बनने का सपना था, लेकिन एम्स की एक बुकलेट ने लक्ष्य बदल दिया। फिर डाक्टर बनने की जिद ठान ली, वह भी एम्स से। इसे लक्ष्य बनाकर पढऩा शुरू किया। इसी क्रम में आकाश इंस्टीट्यूट का साथ मिला तो मंजिल को राह मिल गई। इंस्टीट्यूट की देखरेख में पहले गोरखपुर और फिर दिल्ली में पढ़ाई की। नतीजा सबके सामने है। लक्ष्य हासिल करने में कोचिंग संस्थानों की भूमिका के सवाल पर आकांक्षा ने कहा कि आज नीट की पढ़ाई एनसीईआरटी की किताबों पर आधारित है। ऐसे में यदि पूरी गंभीरता के साथ स्वाध्याय किया जाए तो भी बेहतर परिणाम हासिल किया जा सकता है। कोचिंग संस्थान से पढ़ाई को आसानी से दिशा मिल जाती है। आकांक्षा ने बताया कि उसकी इ'छा न्यूरो सर्जन बनने की है। एमबीबीएस के बाद वह न्यूरो सर्जरी में ही उ'च डिग्री हासिल करेंगी।
बेटी की तैयारी के लिए पिता हो गए सेवानिवृत्त
दिल्ली के द्वारका स्थित प्रगति स्कूल से 12वीं की पढ़ाई करने वाली और 720 में 720 अंक हासिल करने वाली आकांक्षा ने अपनी सफलता का श्रेय पिता राजेंद्र कुमार सिंह और माता रुचि सिंह को दिया। कहती हैैं, पिता ने तैयारी कराने के लिए एयरफोर्स से सेवानिवृत्ति ले ली। किराये पर कमरा लेकर दो साल तक साथ रहे। इस दौरान मेरे पास कोई मोबाइल नहीं रहा। आकांक्षा का सोशल मीडिया मसलन फेसबुक, ट्विटर आदि पर अकाउंट नहीं है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी प्रेरित हैं। कहती हैैं, जब भी निराश होतीं हूं, उन्हें सुनती हूं। जिस प्रगति स्कूल से आकांक्षा ने 12वीं की है, जेईई मेन और एडवांस के टॉपर चिराग फालोर भी वहीं से 12वीं पास हैैं।
नीट का परिणाम देख मेधावी विद्यार्थियों के चेहरे की चमक बढ़ गई। कसया, कुशीनगर की आकांक्षा का नाम परिणाम में दूसरे स्थान पर था। बेहतर अंक के साथ गोरखपुर के दर्जनों विद्यार्थी मेरिट सूची में शामिल थे। कोविड प्रोटोकाल और रात होने के चलते बधाई देने के लिए मेधावियों के रिश्तेदार और मित्र उनके घर तो नहीं जा सके लेकिन मोबाइल फोन की घंटी देर रात तक बजती रही। कोचिंग संस्थानों में इसे लेकर देर रात चहल-पहल बनी रही। सभी अपने-अपने कोचिंग के सफल छात्रों का नाम मेरिट सूची में तलाशते देखे गए। बधाई और आभार का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
स्टार पीएमटी के छात्रों ने किया शानदार प्रदर्शन