पुरानी पेंशन : आंदोलन को सफल बनाने की कर्मचारियों ने बनाई रणनीति Deoria News
पुरानी पेंशन बहाली समेत तमाम मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने छह अगस्त को मशाल जुलूस निकलने और धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
By Edited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 10:01 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। छह अगस्त को निकलने वाले मशाल जुलूस को सफल बनाने के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड सभागार में हुई, जिसमें कर्मचारियों ने सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश व्यक्त किया गया। साथ ही 27 अगस्त को धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। बैठक को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि छह अगस्त को मशाल जुलूस विकास भवन परिसर से शाम छह बजे से निकाला जाएगा। सिविल लाइन रोड होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि 27 अगस्त को जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
दोनों कार्यक्रम को सफल बनाने के कर्मचारियों को मनोयोग से लगना होगा। सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद करके धोखा देने का कार्य किया है। सरकार को चाहिए कि इस पर पुनर्विचार करे। अन्यथा कर्मचारी चैन से नहीं बैठेंगे। बैठक में कैशलेस चिकित्सा सुविधा बहाल करने की भी मांग की गई। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष मारकंडेय तिवारी ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण करने में यह सरकार पूरी तरह से अक्षम साबित हो रही है।
परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम उपाध्याय ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर सरकार को विचार करना चाहिए। मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों की उपेक्षा सरकार कर रही है। बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रभूषण पांडेय, अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी, अनूप कुमार सिंह, वीडी दूबे, निर्भय नारायण सिंह, गीतेश पताप सिंह, रामकृपाल दीक्षित, सूबेदार यादव, देवेंद्र प्रताप सिंह, पप्पू यादव, शिवशंकर द्विवेदी, कैलाश यादव, अरविंद कुमार पांडेय, मारकंडेय शाही आदि ने संबोधित किया। संचालन परिषद के मंत्री महेंद्र जायसवाल ने किया।
दोनों कार्यक्रम को सफल बनाने के कर्मचारियों को मनोयोग से लगना होगा। सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद करके धोखा देने का कार्य किया है। सरकार को चाहिए कि इस पर पुनर्विचार करे। अन्यथा कर्मचारी चैन से नहीं बैठेंगे। बैठक में कैशलेस चिकित्सा सुविधा बहाल करने की भी मांग की गई। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष मारकंडेय तिवारी ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण करने में यह सरकार पूरी तरह से अक्षम साबित हो रही है।
परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम उपाध्याय ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर सरकार को विचार करना चाहिए। मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों की उपेक्षा सरकार कर रही है। बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रभूषण पांडेय, अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी, अनूप कुमार सिंह, वीडी दूबे, निर्भय नारायण सिंह, गीतेश पताप सिंह, रामकृपाल दीक्षित, सूबेदार यादव, देवेंद्र प्रताप सिंह, पप्पू यादव, शिवशंकर द्विवेदी, कैलाश यादव, अरविंद कुमार पांडेय, मारकंडेय शाही आदि ने संबोधित किया। संचालन परिषद के मंत्री महेंद्र जायसवाल ने किया।
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