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पौने दो साल बाद देवरिया कांड फिर चर्चा में, जानें-अब कौन कर रहा जांच Gorakhpur News

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल गृह बालिका कांड के सुर्खियों में आने के बाद सख्त रुख अख्तियार किया था। हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद अब शासन ने सुधि ली है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:00 AM (IST)
पौने दो साल बाद देवरिया कांड फिर चर्चा में, जानें-अब कौन कर रहा जांच  Gorakhpur News
पौने दो साल बाद देवरिया कांड फिर चर्चा में, जानें-अब कौन कर रहा जांच Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। करीब पौने दो साल बाद देवरिया जनपद में बाल गृह बालिका कांड का मामला एक बार फिर उभर कर सामने आ गया है। कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद तत्कालीन दो प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारियों अनूप कुमार ¨सह व नीरज कुमार अग्रवाल के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इससे विभाग में अफरा-तफरी मची हुई है।

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आरोप पत्र तय, मांग गया जवाब

उल्‍लेखनीय है कि बाल गृह बालिका कांड का मामला सामने आने के बाद अगले दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन दो प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए थे, लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद अब शासन ने सुधि ली है। आनन फानन में जांच अधिकारी नामित कर तत्कालीन प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी/ जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी अनूप कुमार सिंह को आरोप-पत्र जारी कर जवाब मांगा गया है।

मुख्‍यमंत्री ने दिया था आदेश

इसके पूर्व तत्कालीन प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार अग्रवाल को आरोप-पत्र जारी हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल गृह बालिका कांड के सुर्खियों में आने के बाद सख्त रुख अख्तियार किया था। उन्होंने छह अगस्त 2018 को तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार के तबादले के साथ ही पूर्व में तैनात रहे जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय को निलंबित कर दिया था। वहीं तत्कालीन प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी अनूप कुमार सिंह व नीरज कुमार के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए थे।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

जनहित याचिका इन द मैटर आफ रिगार्डिंग एव्यूज आफ ग‌र्ल्स इन ए विमन शेल्टर होम इन देवरिया बनाम उप्र राज्य में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया तो पता चला कि पौने दो साल बाद भी तत्कालीन दो प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारियों अनूप कुमार ¨सह व नीरज कुमार अग्रवाल के खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं हुई है।

गोरखपुर की सीडीओ करेंगी जांच

शासन ने सात फरवरी को आनन-फानन में मुख्य विकास अधिकारी गोरखपुर हर्षिता माथुर को जांच अधिकारी नामित करते हुए आरोप-पत्र जारी किया है। जांच अधिकारी ने 15 फरवरी को पत्र भेजकर लिखित उत्तर लौटती डाक से प्रस्तुत करने को कहा है। अनूप कुमार ¨सह वर्तमान में बस्ती के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग में उप निदेशक पद पर तैनात हैं। वहीं नीरज कुमार अग्रवाल पर लगे आरोपों की जांच अपर आयुक्त गोरखपुर को मिली है।


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