तमिल, तेलुगु व मराठी के बाद अब नेपाली में प्रकाशित होगा अध्यात्म रामायण
अध्यात्म रामायण का प्रकाशन अब गीताप्रेस नेपाली भाषा में भी करेगा। अनुवाद तैयार हो गया है। अगस्त में प्रकाशन शुरू कर दिया जाएगा। पहले संस्करण में दो हजार प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी।अभी नेपाली भाषा में श्रीरामचरितमानस गीता सहित 50 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन गीताप्रेस ने किया है।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। रामचरित्र के माध्यम से लोगों को संस्कार सिखाने वाले ग्रंथ 'अध्यात्म रामायण' का प्रकाशन अब गीताप्रेस नेपाली भाषा में भी करेगा। अनुवाद तैयार हो गया है। अगस्त में प्रकाशन शुरू कर दिया जाएगा। पहले संस्करण में दो हजार प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी।
हिंदी, तमिल, तेलुगु व मराठी में प्रकाशित हो चुका है यह ग्रंथ
गीताप्रेस से यह ग्रंथ हिंदी, तमिल, तेलुगु व मराठी में प्रकाशित होता है। अब प्रेस प्रबंधन ने नेपाली में इसे प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। अभी नेपाली भाषा में श्रीरामचरितमानस, गीता सहित 50 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन गीताप्रेस ने किया है।
इसकी शुरुआत 2007 में श्रीरामचरितमानस के प्रकाशन से हुई थी। पुस्तकों की नेपाल में मांग बढ़ने के साथ ही अनेक पुस्तकों का अनुवाद नेपाली भाषा में कराया गया। गीताप्रेस के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि नेपाली भाषा में श्रीरामचरितमानस व गीता की बहुत ज्यादा मांग है। इसके साथ ही गीताप्रेस की अन्य पुस्तकें भी वहां बिकती हैं। अब अध्यात्म रामायण के जरिये भगवान राम का चरित्र व संदेश नेपाल में पहुंचाया जाएगा। यह पुस्तक ग्रंथाकार होगी।
श्रीमद्भागवत का चल रहा अनुवाद
अध्यात्म रामायण के बाद श्रीमद्भागवत महापुराण का प्रकाशन नेपाली भाषा में किया जाएगा। इसका अनुवाद नेपाल में एक साल से चल रहा है, जो पूरा होने के करीब है। अधिकतम तीन से छह माह के अंदर यह पुस्तक तैयार हो जाएगी। उसका प्रकाशन किया जाएगा।
निश्शुल्क बांटी जा रही गीता
नेपाल में घर-घर गीता पहुंचाने के उद्देश्य से गीता का निश्शुल्क वितरण किया जा रहा है। स्कूलों में जाकर बच्चों को गीता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही उनसे अपील की जा रही है कि वे अपने घर के सभी सदस्यों को गीता का पाठ जरूर कराएं। इससे भक्तिमय वातावरण निर्मित होगा। कटुता व क्लेश का माहौल समाप्त होगा।
शीघ्र ही नेपाली भाषा में अध्यात्म रामायण का प्रकाशन शुरू कर दिया जाएगा। सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। नेपाल के लोगों की मांग पर इसका प्रकाशन किया जा रहा है। अगले महीने यह ग्रंथ नेपाल में उपलब्ध करा दिया जाएगा। -देवीदयाल अग्रवाल, ट्रस्टी, गीताप्रेस।