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Akshay Navami: पूजा के बाद आंवला वृक्ष के नीचे किया भोजन Gorakhpur News

पिछले साल सौ से अधिक परिवारों के लोग गीता वाटिका में आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाए थे। इस बार किसी बाहरी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी गई थी। केवल वाटिका परिसर में रहने वाले श्रद्धालुओं ने वहां भोजन बनाया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:10 PM (IST)
Akshay Navami: पूजा के बाद आंवला वृक्ष के नीचे किया भोजन Gorakhpur News
अक्षय नवमी के अवसर पर आंवले के नीचे पूजा करतीं श्रद्धालु।

गोरखपुर, जेएनएन। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सोमवार को अक्षय/आंवला नवमी परंपरागत रूप से श्रद्धा के साथ मनाई गई। महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा की और वहीं भोजन बनाया। पूरे परिवार ने आंवला वृक्ष के नीचे एक साथ बैठकर भोजन किया। पहले यह परंपरा ज्यादा परिवारों में थी, लोग एक माह तक भोजन आंवला वृक्ष के नीचे करते थे।

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कोरोना का असर इस त्योहार पर खूब पड़ा। पिछले साल सौ से अधिक परिवारों के लोग गीता वाटिका में आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाए थे। इस बार किसी बाहरी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी गई थी। केवल वाटिका परिसर में रहने वाले श्रद्धालुओं ने वहां भोजन बनाया। शारीरिक दूरी का पूरा पालन किया गया। दोपहर व शाम दोनों वक्त भोजन वहीं बना। वाटिका प्रबंधन ने सुबह ही आंवला वृक्ष के नीचे साफ-सफाई करा दी थी। एमजी इंटर कालेज के सामने गली में स्थित आंवला वृक्ष के नीचे अक्षय नवमी का भोज आयोजित किया गया था। इसके अलावा अनेक मोहल्लों में सुबह महिलाओं ने आंवला वृक्ष के नीचे साफ-सफाई कर, विधिवत पूजा-अर्चना की। वृक्ष को टीका कर, उस पर सूत लपेटकर अक्षय पुण्य की प्रार्थना और मंगल कामना की।

आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने का महत्व

आचार्य शरदचंद्र मिश्र व डा. जोखन पांडेय शास्त्री के अनुसार आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। इसी दिन से द्वापर युग का प्रारंभ होना माना जाता है। कार्तिक शुक्ल नवमी से तुलसी विवाह की तैयारी भी प्रारंभ हो जाती है। इस दिन भोजन में आंवले का होना स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ माना जाता है। आंवले का दान करने का इस दिन विशेष महत्व है। कार्तिक मास की अक्षय नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से तथा उसके नीचे भोजन बनाकर ग्रहण करने और साथ ही दूसरों को ग्रहण कराने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।


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