Coronavirus In Gorakhpur: देखते ही देखते बदल गया 'सीन', बंद होने लगे घरों के खिड़की-दरवाजे Gorakhpur News
Coronavirus In Gorakhpur गोरखपुर में कोरोना वायरस का पहला केस मिलने के बाद देखते ही देखते पूरे शहर का सीन बदल गया।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के घनी आबादी वाले रसूलपुर मोहल्ले में गुरुवार की देर रात तक सबकुछ सामान्य था। अन्य मोहल्लों के मुकाबले यहां चहल-पहल कुछ ज्यादा होती है। खासकर रमजान के दिनों में इस मोहल्ले का नजारा ही बदल जाता है। लॉकडाउन के बावजूद शाम से लेकर देर रात तक लोग सड़कों पर खड़े या आपस में बातचीत करते नजर आते हैं। देर रात पुलिस और एंबुलेंस के सायरन से लोगों की नींद खुली।
रात में देखते ही देखते पुलिस छावनी में तब्दील हुआ मोहल्ला
लोग घर से बाहर निकले तो एक जगह पुलिस कर्मियों का हुजूम नजर आया। नींद में लोग कुछ समझ पाते इसी बीच किसी ने तेज आवाज दी सभी लोग अपने घरों में रहें क्योंकि यहां एक युवक कोरोना पाजिटिव पाया गया है। यह सुनते ही लोगों के होश फाख्ता हो गए। देखते ही देखते घरों के खिड़की दरवाजे बंद होने लगे। आधे घंटे के भीतर आसपास के इलाके में यह बात जंगल की आग की तरह फैल गई। लोग दहशत में आ गए। पता चला कि युवक मुंबई से आने के बाद दो दिनों से रसूलपुर (अजय नगर) में अपने चाचा के घर रह रहा था। दोपहर बाद से लेकर देर रात तक उसके घर के सामने लोगों का जमघट लगा रहता था। वहीं 10-12 ठेले वाले रोज सब्जी और फल बेचा करते हैं।
लोगों ने खुद ही रास्तों को कर दिया ब्लाक
सुबह पांच बजे से पहले युवक के घर के आसपास की गलियों को लोगों ने खुद ही बांस-बल्ली लगाकर ब्लॉक कर दिया। यहीं नहीं गुरुवार को जिन लोगों ने रसूलपुर से फल और सब्जी खरीदा था डर के मारे उसे सड़क पर फेक दिया। सुबह छह सात बजे रसूलपुर में ऐसा सन्नाटा पसरा था मानो कफ्र्य लगा हो।
नमाज अदा कर मांगी अमन-चैन व कोरोना से निजात की दुआ
कोरोना वायरस की दहशत के बीच माह-ए-रमज़ान के तीसरे जुमा की नमाज पढऩे के लिए मस्जिदों में चार से पांच लोग मौजूद रहे। तय वक्त पर अजान हुई और खुतबा पढ़ा गया। नमाज अदा कर मुल्क में अमन-चैन और कोरोना वायरस से हिफाजत की दुआ मांगी गई। वहीं अवाम ने मस्जिद न जाकर घरों में ही जोहर की नमाज पढ़ी। महिलाओं व बच्चों ने भी जमकर इबादत व तिलावत की। इस दौरान चौथे खलीफा हजरत अली की शहादत को भी याद किया गया। रमजान की 21 तारीख को उनकी शहादत हुई थी।
इमाम ने नमाज की अहमियत पर चर्चा की
नमाज से पहले मस्जिदों के इमाम ने नमाज की अहमियत पर चर्चा की गई। समझाया कि जिसने रोजे और नमाज की अहमियत समझ ली, उसने जिदंगी में सुकून हासिल कर लिया। मौलाना मोहम्मद शादाब बरकाती ने बताया कि रोजे में सब्र, शुक्र, फिक्र, जिक्र, नेमत और रहमत है। अल्लाह रमजान में इंसानों की रहनुमाई के लिए कुरान शरीफ नाजिल किया। जन्नत का हकदार वही है, जो ईमान पर चल रहा है। नमाज अल्लाह के करीब लाती है। इस माह में दान का बड़ा महत्व है। लिहाजा जल्द से जल्द दान कर अपने कर्तव्यों का पालन करें। मुफ्ती अजहर शम्सी ने कहा कि रमजान का महीना रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से निजात का माह है। इस्लाम की बुनियाद ही पांच चीजों पर कायम है। पहला कलमा पढऩा, दूसरा नमाज, तीसरा रमजान में रोजे रखना, चौथा जकात अदा करना और पांचवां मालदार मुसलमान हज जरूर करें। उन्होंने कहा कि यह बातें तमाम मर्द और औरत दोनों पर लागू है। उन्होंने कहा कि महिलाएं रोजा तो रखती हैं, लेकिन नमाज पढऩे में पीछे रह जाती हैं। दिन भर अपने घरेलू काम-काज में उलझी रहती हैं। उन्होंने चाहिए कि वक्त निकालकर कुरान शरीफ की तिलावत करें।