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कोरोना पॉजिटिव होने के बाद घर से ही ट्रेनों को कंट्रोल कर रहा रेलवे का यह अधिकारी Gorakhpur News

पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के चीफ कंट्रोलर (मुख्य नियंत्रक) अशोक मिश्रा कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी अपने काम में लगे हैं। वेे होम क्वारंटाइन होकर ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं। इस कारण गोरखपुर रूट पर ट्रेनों का संचालन निर्बाध गति से जारी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 11:30 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 11:30 AM (IST)
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद घर से ही ट्रेनों को कंट्रोल कर रहा रेलवे का यह अधिकारी Gorakhpur News
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी गोरखपुर में रेल अधिकारी काम कर रहे हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। परिवार सहित कोरोना पाजीटिव होने के बाद भी पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के चीफ कंट्रोलर (मुख्य नियंत्रक) अशोक मिश्रा की ट्रेनों के संचालन पर पकड़ कमजोर नहीं हुई। होम क्वारंटाइन होने के बाद भी कार्य के प्रति उनका उत्साह ठंडा नहीं पड़ा। घर से ही रेलवे बोर्ड, स्थानीय और अन्य जोन के संबंधित अधिकारियों तथा कर्मचारियों से आनलाइन समन्वय बनाए रहे। एक- एक ट्रेनों की मानीटरिंग करते रहे। परिणाम सामने है। गोरखपुर रूट पर ट्रेनों का संचालन निर्बाध गति से जारी रहा।

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पूरा परिवार संक्रमित होने के बाद भी ठंडा नहीं पड़ा कार्य के प्रति उत्साह

फिलहाल चीफ कंट्रोलर पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनका परिवार भी। बातचीत में कहते हैं, संक्रमित होने के बाद भी उनके परिवार की दिनचर्या सामान्य ही रही। वह विभाग तो नहीं गए लेकिन वर्क फ्राम होम चलता रहा। कमरे को ही दफ्तर बना लिया। एक दिन भी कार्य प्रभावित नहीं रहा। वर्चुअल बैठकें और विभागीय समीक्षा चलती रही। घर की स्थिति भी लगभग सामान्य और वास्तविक ही रही। शुरुआत में तो उन्हें भी घबराहट हुई।

ऐसे दिया कोरोना को मात

जांच कराने के बाद 23 अप्रैल को जब रिपोर्ट पाजीटिव आई तो वे भी असहज हो गए और अपने आप को घर पर आइसोलेट कर लिया। पत्नी विमला मिश्रा, बेटे अभिषेक और ज्योतिंद्र मिश्रा भी संक्रमित हो गए। लेकिन संक्रमित होने के बाद भी पत्नी और बच्चों का मनोबल कम नहीं हुआ। उन्होंने घर के खुशनुमा माहौल को बरकरार रखा। सब मिलकर मेरा सपोर्ट करने लगे।

अलग-अलग कमरे में रहते हुए सब मास्क और सैनिटाइज का प्रयोग करते रहे। चिकित्सक की सलाह पर दवाइयों के साथ पौष्टिक भोजन, हरी और ताजी सब्जियां और फल लेते रहे। गर्म पानी और भाप का सेवन आज भी कर रहे हैं। योग और प्राणायाम तो दैनिक जीवन में ही शामिल हो गया है। दवाइयों और घर के वातावरण का असर कुछ दिन बाद ही दिखने लगा। पत्नी और बेटे तो आठवें दिन ही निगेटिव हो गए। उन्हें पूरी तरह स्वस्थ होने में 15 दिन लग गए हैं।


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