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33 साल बाद चमका मुक्ताकाशीय मंच है, अब संचालन का इंतजार Gorakhpur News

मुक्ताकाशीय मंच की नींव 33 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के प्रयास से रखी गई पर योगी आदित्यनाथ ने तीन करोड़ 89 लाख की लागत से उसे चमका दिया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:42 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:42 AM (IST)
33 साल बाद चमका मुक्ताकाशीय मंच है, अब संचालन का इंतजार Gorakhpur News
33 साल बाद चमका मुक्ताकाशीय मंच है, अब संचालन का इंतजार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल के सामने नए सिरे से तैयार किए गए मुक्ताकाशीय मंच का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लोकार्पण तो तीन महीने पहले ही कर दिया गया है लेकिन इसके संचालन में हैंडओवर का पेच फंस गया है। संस्कृति विभाग इसे कार्यदायी संस्था से इसलिए नहीं ले रहा, क्योंकि उसके पास इसके संचालन के लिए कर्मचारियों की कमी है। इस समस्या का समाधान कब तक हो जाएगा, इसका ठोस जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है।

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33 साल पहले पड़ी थी नींव

मुक्ताकाशीय मंच की नींव 33 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के प्रयास से रखी गई पर रखरखाव के अभाव में यह दुर्दशा का शिकार होकर जर्जर हो गया। योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश की कमान संभाली तो उन्होंने इसके जीर्णोद्धार का फैसला लिया। परिणामस्वरूप तीन करोड़ 89 लाख की लागत से उसे चमका दिया गया।

नवंबर में हुआ है लोकार्पण

16 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण भी कर दिया। उसके बाद जब कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस) ने उसके हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू की तो संस्कृति विभाग ने यह कहकर उसे लेने से मना कर दिया, उसके पास इसके संचालन के लिए कर्मचारी नहीं हैं। हालांकि इस समस्या के समाधान के लिए विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय ने निदेशालय को पत्र लिखकर आउटसोर्सिंग के तहत छह कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा लेकिन निदेशालय से इसे लेकर आज तक कोई जवाब नहीं मिल सका है। अगर इसे लेकर उदासीनता लंबे समय तो चली तो मंच एक बार फिर से जर्जर हो जाएगा।

नवनिर्मित मुक्ताकाशीय मंच में यह है सुविधा

नवनिर्मित मंच परिसर में दो टॉयलेट ब्लॉक, दो वातानुकूलित विशिष्ट कक्ष और दो ग्रीन रूम का निर्माण कराया गया है। परिसर में प्रवेश के लिए चार द्वार बनाए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से चारों ओर बाउंड्री बनाई गई है, जो पहले नहीं थी।

संचालन के लिए कर्मचारी नहीं

इस संबंध में जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि संस्कृति विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के पास मुक्ताकाशीय मंच के संचालन के लिए कर्मचारी नहीं है। इसे देखते हुए गोरखपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से इसके संचालन की योजना बनाई जा रही है। जल्द करार की प्रक्रिया पूरी करके, मंच को रंगकर्म के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।


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