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SMOG : सख्‍त हुआ प्रशासन, निर्माण कार्य पर रोक ; पराली जलने पर ग्राम प्रधान होंगे जिम्‍मेदार Gorakhpur News

SMOG को देखते हुए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में अगले एक सप्ताह तक निर्माण तथा ध्वस्तीकरण के कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:13 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 02:09 PM (IST)
SMOG : सख्‍त हुआ प्रशासन, निर्माण कार्य पर रोक ; पराली जलने पर ग्राम प्रधान होंगे जिम्‍मेदार Gorakhpur News
SMOG : सख्‍त हुआ प्रशासन, निर्माण कार्य पर रोक ; पराली जलने पर ग्राम प्रधान होंगे जिम्‍मेदार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने के बाद गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में अगले एक सप्ताह तक निर्माण तथा ध्वस्तीकरण के कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से अधिक हो गया है।

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गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव रंजन ने बताया कि गीडा क्षेत्र में कूड़ा-कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि गीडा क्षेत्र की सड़कों के प्रारंभिक निर्माण एवं ऐसे कार्य जिसमें धूल के कण काफी निकलते हैं, उन पर पानी का छिड़काव कर ही निर्माण कार्य कराया जाए। इससे धूल कण वायु को प्रदूषित नहीं कर सकेंगे। कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

पराली जलने पर ग्राम प्रधान व लेखपाल होंगे जिम्मेदार

शासन ने पराली जलाने पर उचाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही अब संबंधित ग्राम प्रधान व हल्का लेखपाल की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। शासन का मानना है कि पंचायत स्तर पर जवाबदेही तय होने से पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी तरीके से रोक लग सकेगी। अब पराली जलाने की घटना प्रकाश में आने पर उस गांव के लिए नामित कर्मचारी को जिम्मेदार माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर एक सेल का गठन करने का निर्देश दिया गया है। इस सेल में संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे जो जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी तरीके से रोकथाम के कदम उठाएंगे।

ये हैं दिशा-निर्देश

कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ स्ट्रा रीपर विद बाइंडर का प्रयोग अनिवार्य

फसल अवशेष जलाने पर 2500 से 15000 रुपये तक लगेगा अर्थदंड, पुनरावृत्ति पर एफआइआर भी

मुख्य सचिव स्तर पर मॉनीटङ्क्षरग सेल गठित, जिले से प्रतिदिन की कार्रवाई की होगी मानीटङ्क्षरग

अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर सेल गठन का निर्देश, जनपद में पराली जलाये जाने की घटनाओं की रोकथाम की मिली जिम्मेदारी

तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में मोबाइल स्क्वायड का होगा गठन, पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारी धान कटाई से लेकर गेहूं बुवाई होने तक क्षेत्रों में करेंगे भ्रमण

मुख्यमंत्री ने भी वीसी में दिए थे निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी मंडलीय अधिकारियों व जिलाधिकारियों को पराली जलने की घटना को कड़ाई से रोकने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में थाना प्रभारियों को भी निर्देशित किया गया था कि अपने क्षेत्र में पराली जलने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नियमित पेट्रोलिंग करें।

किसानों को गोष्ठियों के जरिये जागरूक किया जा रहा है। पराली जलने की घटना की पुनरावृत्ति होने पर अर्थदंड के साथ ही एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जिस गांव में घटना होगी वहां के ग्राम प्रधान के साथ ही हल्का लेखपाल पर भी कार्रवाई की जाएगी। - जयंत नार्लिकर, मंडलायुक्त

नागरिकों पर भारी पड़ रही सड़क निर्माण में लेट-लतीफी

उधर, असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड व गोरखपुर-देवरिया रोड, निर्धारित समय समय बीत जाने के बाद भी अभी पूर्ण नहीं हो पाई हैं। अनेक जगहों पर सड़कें खोद दी गई हैं, नाले व डिवाइडर बन रहे हैं। निर्माण की गति धीमी होने से लंबे समय से नागरिक दुश्वारियां झेल रहे हैं। असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड का निर्माण मार्च 2016 में शुरू हुआ। इसे मार्च 2018 में पूरा हो जाना था। लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज से शाहपुर थाना तिराहा मोड़ तक पश्चिमी लेन और जेमिनी पैराडाइज के पहले तक पूर्वी लेन बन पाई है। नाला निर्माण चल रहा है। शेष हिस्सों में अनेक जगह सड़क खोद दी गई है।

गोरखपुर- देवरिया रोड का निर्माण 20 मई 2016 को शुरू हुआ था, पूर्ण होने की अवधि 19 मई 2018 निर्धारित की गई थी। निर्धारित अवधि के डेढ़ साल बाद भी अभी निर्माण पूरा नहीं हो पाया। कुल लगभग 75 फीसद कार्य ही हो पाया है।


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