सिक्का लेने से मना करने पर शाखा प्रबंधकों पर होगी कार्रवाई
एसबीआइ के सीजीएम (मुख्य महाप्रबंधक) कारपोरेट केंद्र, मुंबई, एसपी सिंह ने कहा कि सिक्का लेने से मना करने पर संबंधित शाखा प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। भारतीय स्टेट बैंक के सीजीएम (मुख्य महाप्रबंधक) कारपोरेट केंद्र, मुंबई, एसपी सिंह ने कहा कि सिक्का लेने से मना करने पर संबंधित शाखा प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी बैंक शाखाओं को निर्देशित किया गया है कि एक व्यक्ति से एक दिन में कम से कम एक हजार रुपये तक के सिक्के स्वीकार करें। यह न्यूनतम है। यदि बैंक शाखाओं की सुविधा व सामथ्र्य है तो चाहे जितने सिक्के जमा कर सकती हैं। इसकी कोई लिमिट नहीं है।
मुख्य महाप्रबंधक यहां पूर्वांचल बैंक की 600वीं शाखा का उद्घाटन करने आए हैं। वह दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में जुटा हुआ है। बैंक लगातार टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी ग्राहकों तक पहुंचा कर उन्हें डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा है। यह अब जरूरी भी हो गया है क्योंकि आज हमारा भविष्य टेक्नोलॉजी लिखने लगी है। जिसके पास टेक्नोलॉजी होगी, उसी का भविष्य होगा। जितना सुंदर व आधुनिक टेक्नोलॉजी होगी, उतना ही सुंदर भविष्य भी होगा। कुछ साल पहले तक बैंक टेक्नोलॉजी का उपयोग केवल अपने लिए करते थे, लेकिन अब डिजिटल को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम हो रहा है। ताकि ज्यादातर ट्रांजेक्शन शाखा के बाहर हो सके, बैंक ग्राहकों को अब घर बैठे ट्रांजेक्शन करने, एफडी, आरडी खोलने या खाता खोलने की सुविधा दे रहा है। इसके अलावा बैंक ने एक वेल्थ मैनेजमेंट सर्विसेज शुरू किया है जिसके तहत लोगों को उनकी जरूरत व पैसे के हिसाब से निवेश का विकल्प भी सुझाया जा रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सर्विसेज पर चार्ज लेना बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है। चार्जेज लगाने के बाद उनका फीडबैक भी लिया जाता है, यदि जरूरी हुआ तो चार्जेज कम किए जाते हैं। ग्राहक सेवा हमारी प्राथमिकता है। अभी हाल में मिनिमम एवरेज बैलेंस के चार्जेज घटाए गए हैं जो 40 रुपये थे, उन्हें 10 से 15 रुपये कर दिया गया है। बहुत सारे चार्जेज अब इंटरनेट बैंकिंग आने से बहुत कम हो गए हैं। पहले एटीएम से ट्रांजेक्शन करने पर ज्यादा चार्जेज लगते थे, अब इंटरनेट बैंकिंग से ट्रांजेक्शन करने पर नाममात्र के चार्जेज लग रहे हैं। टेक्नोलॉजी ने हमें बहुत सहूलियत दी है। ग्रामीण बैंकों को वाणिज्यिक बैंकों की भांति सुविधा देने के लिए बैंक क्या कर रहा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी टेक्नोलॉजी ग्रामीण बैंकों को ट्रांसफर की जा रही है। आरटीजीएस, नेफ्ट, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग आज ग्रामीण बैंकों में भी तेजी के साथ पहुंच रही है।