भारत-नेपाल के बीच रिश्तों में मिठास घोलने की हो रही यह नायाब पहल Gorakhpur News
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करा करके भारत नेपाल के रिश्ते मधुर करने की पहल हो रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। नेपाल और भारत के बीच मतभिन्नता तथा नेपाल में चीनी भाषा के प्रचार प्रसार को मिल रहे प्रोत्साहन के बीच ¨हदी मंच नेपाल द्वारा अंतरराष्ट्रीय ¨हदी सम्मेलन का निर्णय सराहनीय है। 10 से 12 जनवरी तक तीन दिवसीय ¨हदी सम्मेलन का आयोजन नेपाल के राजधानी काठमांडू में होगा।
सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी करेंगी। सम्मेलन संयोजक कृष्णानगर नेपाल के राजनेता मंगल प्रसाद गुप्ता ने बताया कि यह सम्मेलन दोनों के देशों के रिश्तों में मिठास घोलने का काम करेगा। यह ¨चता जनक है कि नेपाल के विश्वसनीय पड़ोसी राष्ट्र से कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद है। मतभेद जब उच्च स्तरीय वार्ता से न हल हो रहे हों तब कोई तीसरा रास्ता निकालना जरूरी हो जाता है।
इसी उद्देश्य से हिन्दी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। नेपाल पर आरोप लगता है कि हम चीनी भाषा को बढ़ावा दे रहे हैं या चीन के निकट हो रहे हैं। काठमांडू में ¨हदी सम्मेलन हमारे पर लग रहे दोनों आरोपों का जवाब भी होगा।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नेपाल में हिंदी भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करना है। नेपाल में पहले से ही ¨हदी दूसरी प्रमुख भाषा है। नेपाली भाषा के बाद ¨हदी ही है जो सर्वाधिक बोली, पढ़ी व लिखी जाती है। नेपाल में ¨हदी को सम्मान मिलना चाहिए। कोशिश और उम्मीद है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से मकसद में कामयाबी जरूर मिलेगी। विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी से 12 जनवरी तक तीन दिन तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में विश्व के 25 देशों के प्रतिष्ठित हिंदी के कवियों और साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है। मारीशस, कनाडा, साउथ अफ्रीका, जापान, चीन, भारत सहित एक दर्जन एशियाई देशों के ¨हदी साहित्यकारों के सहमति पत्र आ चुका है।