गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेले में इस बार बहुत कुछ नया होगा, गीत-संगीत के साथ नाटक का भी आनंद लेंगे श्रद्धालु Gorakhpur News
मेले का आकर्षण बढ़ाने के लिए संस्कृति विभाग पूर्वांचल की लोक कला को माध्यम बनाएगा। मेले में सांस्कृतिक मंच से गीत-संगीत की लोक कलाओं के साथ नाटक का मंचन किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले खिचड़ी मेले का आकर्षण और बढ़ाया जाएगा। यह काम संस्कृति विभाग करेगा। जिलाधिकारी ने पर्यटन और सूचना विभाग को इसकी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। यह कवायद पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रति पर्यटकों का रुझान बढ़ाने के लिए हो रही है।
मकर संक्रांति पर लगने वाले इस मेले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर है। नेपाल के राजपरिवार समेत देश-प्रदेश के तमाम हिस्सों से आने वाले श्रद्धालु गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद तो इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई है। प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग अब मेले का प्रचार-प्रसार करने की योजना पर काम कर रहा है।
लोक कलाओं को बनाएंगे माध्यम
पूर्वांचल की लोक कला देश भर में सराही जाती है। मेले का आकर्षण बढ़ाने के लिए संस्कृति विभाग इसी को माध्यम बनाएगा। मेले में सांस्कृतिक मंच से गीत-संगीत की लोक कलाओं के साथ नाटक का मंचन किया जाएगा। सूचना विभाग सोशल मीडिया, वेबसाइट के साथ अन्य माध्यमों से प्रचार करेगा।
स्टाल लगाकर दी जाएगी पर्यटन स्थलों की जानकारी
मेले में स्थानीय शिल्प के अलावा पर्यटन विभाग का स्टॉल लगाने की तैयारी है। पूर्वांचल के सभी पर्यटन स्थलों की जानकारी यहां मिल जाएगी। मेले में आने वाले लोगों को दर्शनीय स्थानों के बारे में जानकारी देने वाले हैंडबिल, पोस्टर और ब्राउसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
महीने भर चलता है खिचड़ी मेला
मेले की तय अवधि मकर संक्रांति यानी 14 से 31 जनवरी के बीच ही मानी जाती है और महाशिवरात्रि तक इसका प्रसार बना रहता है लेकिन इसका प्रारंभिक स्वरूप नए वर्ष के पहले दिन से ही दिखने लगता है।
और आकर्षक बनेगा
जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि संस्कृति विभाग से मिले दिशा-निर्देश के मुताबिक खिचड़ी मेले को और आकर्षक बनाने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की जा रही है।