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सीआरपीएफ का बर्खास्त सिपाही है अच्छेलाल, 18 साल से कायम है दोआबा में आतंक Gorakhpur News

1997 में वह खेल कोटा से सीआरपीएफ में भर्ती हो गया। वर्ष 2002 में बदमाश ने हत्या की कोशिश की वारदात की और जरायम की दुनिया में उतर गया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2007 में उसे सीआरपीएफ से बर्खाख्त कर दिया गया।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 05:36 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 06:13 PM (IST)
सीआरपीएफ का बर्खास्त सिपाही है अच्छेलाल, 18 साल से कायम है दोआबा में आतंक Gorakhpur News
अपराध के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। सीआरपीएफ के बर्खास्त सिपाही अच्छेलाल का 18 साल से गोर्रा और राप्ती के दोआब में आतंक फैला है। समय-समय पर वह झंगहा, गगहा, बेलीपार व खोराबार पुलिस के लिए चुनौतियां खड़ी करता रहा है। कई बार पुलिस से उसकी मुठभेड़ भी हुई लेकिन बच निकला। डेढ़ साल पहले एसटीएफ ने उसे असलहे के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़ा था। लेकिन छूटने के बाद गोरखपुर लौट आया।

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खेल कोटा से सीआरपीएफ में हुआ था भर्ती

30 अगस्त 1993 को झंगहा का बौठा गांव ताबड़तोड़ हुई हत्याओं से थर्रा गया था। तब से शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। पुलिस ने सख्ती और सक्रियता दिखाई तो यहां यह सिलसिला थम गया। बौठा कांड में एक पक्ष अच्छेलाल का परिवार है। 1997 में वह खेल कोटा से सीआरपीएफ में भर्ती हो गया। वर्ष 2002 में बदमाश ने हत्या की कोशिश की वारदात की और जरायम की दुनिया में उतर गया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपराध में लिप्त होने के बाद वर्ष 2007 में उसे सीआरपीएफ से बर्खाख्त कर दिया गया। हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण और रंगदारी की ताबड़तोड़ घटनाएं कर अच्छेलाल अपने विरोधियों को दहशतजदा करने के साथ ही पुलिस के सामने चुनौती खड़ी करता रहा है। आठ जुलाई 2018 को झंगहा व खोराबार पुलिस ने उसे रामनगर कडज़हां में घेरा तो फायरिंग करके फरार हो गया। मुठभेड़ में उसका साथी हरिओम कश्यप पकड़ा गया। घटना के बाद पुलिस ने तलाश शुरू की लेकिन वह छकाता रहा।

गोरखपुर पुलिस ने अच्छेलाल पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। सख्ती बढऩे पर उसने प्रदेश छोड़ दिया। तीन दिसंबर 2018 को यूपी एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से आसनसोल जिले में 315 बोर की एक राइफल, 32 बोर की एक पिस्टल, आधार कार्ड व सीआरपीएफ की पहचान पत्र के साथ पकड़ा था। खुद को सीआरपीएफ का रिटायर्ड जवान बताकर अच्छेलाल फैक्ट्री मालिक के पीएसओ के तौर पर नौकरी कर रहा था। फर्जी दस्तावेज पर उसने राइफल को जम्मू से खरीदा था। जमानत पर छूटने के बाद वह गोरखपुर चला आया और दोआबा क्षेत्र में रहकर प्रापर्टी डीलिंग कर रहा था।

बदमाश पर दर्ज हैं 25 मुकदमे

अच्छेलाल पर गोरखपुर के झंगहा, खोराबार, बेलीपार, गगहा, संतकबीरनगर व पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले में हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, आम्र्स एक्ट, गुंडा, गैंगस्टर एक्ट के 25 मुकदमे दर्ज हैं। जिला प्रशासन कई बार उसे तड़ीपार भी कर चुका है। आसनसोल जेल से छूटने के बाद गोरखपुर में आकर पापर्टी डीङ्क्षलग कर रहे शातिर बदमाश के गतिविधि की खबर स्थानीय पुलिस की नहीं थी।

दिन में रजिस्ट्री आफिस व शाम को पहुंचा था थाने

ईंट भट्ठा मालिक की हत्या में कोई संदेह न करे इससे बचने के लिए अच्छेलाल 11 जनवरी को पूरे दिन अपने साथी सरदेंदु गुप्ता उर्फ गुड्डू के साथ रजिस्ट्री आफिस में रहा। शाम को झंगहा थाने भी गया था। ईंट भ_ा से लौट रहे जयनारायण की लोकेशन मिलने पर बोलेरो से शूटरों के साथ पहुंचकर हत्या कर दी।

हिस्ट्रीशीटर के पास है तीन असलहे का लाइसेंस

अच्छेलाल ने जालसाजी कर तीन असलहे का लाइसेंस बनवा लिया है। जम्मू काश्मीर से उसने रायफल, पिस्टल व नागालैंड से दोनाली बंदूक का लाइसेंस बनवाया है। रायफल व पिस्टल को एसटीएफ ने आसनसोल में पकड़ा था। क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को दोनाली बंदूक कब्जे में ले लिया। एसपी साउथ एसके सिंह ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने के लिए संबंधित राज्य की पुलिस को पत्र भेजा जाएगा।


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