गोरखपुर शहर के इस हिस्से से जुड़े मूल दस्तावेज की कापी मिली, अब रुकेगा फर्जीवाड़ा Gorakhpur News
बहरामपुर जमीन से जुड़े दस्तावेज की कापी बोर्ड आफ रेवेन्यू से मंगाई गई है। डोमिनगढ़ के इधर ही भूमाफिया का सरकारी जमीनों पर कब्जा है। भूमाफिया से जमीन को खाली कराया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। सीबीआइ द्वारा जब्त बहरामपुर से जुड़े दस्तावेज की मूल कापी की एक प्रति जिला प्रशासन ने रेवेन्यू बोर्ड से मंगा ली है। प्रशासन के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। रिकार्ड हासिल करने के लिए जिला प्रशासन पिछले कई वर्षों से प्रयासरत था। इसके लिए सीबीआइ को कई बार पत्र लिखा गया लेकिन सीबीआइ ने जब्त दस्तावेज नहीं लौटाए। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने शहर की इस बेशकीमती जमीन पर धड़ल्ले चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए खुद पहल की और बोर्ड आफ रेवेन्यू को पत्र लिखा। काफी प्रयास के बाद जमीन का रिकार्ड जिला प्रशासन को मिला है। प्रशासन के पास जमीन का रिकार्ड उपलब्ध होने से अब इस जमीन का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। अभी तक जमीन का नक्शा-नजरी भी नहीं रहने के कारण शिकायत के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा था।
हाईकोर्ट ने निर्देश पर शुरू हुई थी सीबीआइ जांच
बहरामपुर गांव की आधी जमीन सीलिंग में आने पर भू माफिया ने तत्कालीन जिलाधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर लोगों के नाम दर्ज करा दिए। इस पर हाइकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दिया। जिला प्रशासन के मुताबिक वर्ष 1997-98 में सीबीआइ सभी दस्तावेज जांच के लिए उठा ले गई। दस्तावेज नहीं रहने के कारण जिला प्रशासन तहसील दिवस आदि में शिकायत आने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। वर्ष 2007 में 12 हेक्टेयर जमीन जीडीए को दी गई। जीडीए की जमीन पर भी भूमाफियाओं कब्जा जमा लिया जिसे जिला प्रशासन ने पिछले माह खाली कराया है।
भू माफिया से जमीन होगी खाली
बहरामपुर जमीन से जुड़े दस्तावेज की कापी बोर्ड आफ रेवेन्यू से मंगाई गई है। डोमिनगढ़ के इधर ही भूमाफिया का सरकारी जमीनों पर कब्जा है। अब रिकार्ड से मिलान कर भूमाफिया से जमीन को खाली कराया जाएगा। साथ ही नदी के उस पार करीब छह एकड़ खाली जमीन को भी सुरक्षित किया जाएगा। सीलिंग की सूची तैयार कराई जा रही है। जल्द ही इसे सार्वजनिक करने के साथ ही वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया जाएगा। कुछ बड़े भूमाफिया चिह्नित किए गए हैं जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी।