गोरखपुर में 86 हजार मजदूरों को मनरेगा में मिला रोजगार Gorakhpur News
जनपद में अभी तक 86 हजार से अधिक मजदूरों को मनरेगा में रोजगार मिल चुका है। इसमें बाहर से आए श्रमिकों के अलावा स्थानीय श्रमिक भी शामिल हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गैर प्रांतों से जनपद में आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा रोजगार उपलब्ध कराने का बड़ा माध्यम बना है। जनपद में अभी तक 86 हजार से अधिक मजदूरों को मनरेगा में रोजगार मिल चुका है। इसमें बाहर से आए श्रमिकों के अलावा स्थानीय श्रमिक भी शामिल हैं। अभी तक रोजगार पाने वालों में सर्वाधिक संख्या अकुशल श्रमिकों की है जिन्हें तत्काल रोजगार का अवसर मिला है। कुशल और अर्धकुशल मजदूरों की सूची तैयार कर विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं को भेजी गई है। इन्हें भी कार्यदायी संस्थाएं जरूरत के हिसाब से रोजगार उपलब्ध करा रही हैं।
मजदूरों की बनाई गईं तीन श्रेणियां
जिला प्रशासन ने बाहर से आए प्रवासी मजदूरों की तीन श्रेणियां बनाई हैं। इसमें अर्धकुशल मजदूरों (प्लंबर, फीटर, इलेक्ट्रीशियन की संख्या 15 हजार से ऊपर हो चुकी है। पिछले माह प्रशासन ने करीब 15 हजार प्रवासी मजदूरों का सर्वे कराया था जिसमें 4400 के करीब कुशल और अर्धकुशल के रूप में चिन्हित किए गए थे। इसमें वेङ्क्षल्डग 79, शटङ्क्षरग 98, एसी 29, एल्युमिनियम वर्कर 24, इलेक्ट्रीशियन 155, बढ़ई 610, पीओपी 76, पेंटर 3141, प्लंबर 73 व 115 राजमिस्त्री शामिल हैं।
ये है जनपद की स्थिति
- 20 विकास खंड।
- 1352 ग्राम पंचायत।
- 3309 कुल राजस्व गांव।
- 6567 मजरे।
- 1301 ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू।
- 16.52 करोड़ रुपये का भुगतान।
- 32567 प्रवासी व अन्य इच्छुक मजदूरों के नए जॉबकार्ड।
- 86379 मनरेगा में प्रतिदिन कार्यरत श्रमिक।
- 17761 मनरेगा कार्य में नियोजित प्रवासी मजदूर।
- 4400 अर्धकुशल श्रमिकों को काम।
- 890974 कार्य दिवस का रोजगार सृजित।
सभी को उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार
इस संबंध में जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि जिला प्रशासन का पूरा ध्यान प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने पर है। कुशल व अर्धकुशल की सूची तैयार कराई जा रही है। सबको स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सभी प्रमुख परियोजनाओं पर कार्य शुरू हो गया है। यहां भी श्रमिकों को समायोजित किया जाएगा।