सिल्ट की नहीं सिर्फ झाड़-झंखाड़ की सफाई, निकाल लिया 81.60 लाख
सिंचाई विभाग ने नहरों की सफाई के नाम पर 81.60 लाख रुपये निकाल लिया। मौके पर कोई सफाई ही नहीं हुई है। यह जानकारी आरटीआइ के तहत मिली है।
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले में नहरों की सफाई के नाम पर 81.60 लाख रुपये साफ होने के बाद भी टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। तराई के इस जनपद में नहरों की सिल्ट सफाई में लापरवाही बरतने से हरित क्रांति को झटका लगा है।
आरटीआइ के तहत महराजगंज ¨सचाई खंड प्रथम से दैनिक जागरण द्वारा नहरों की सफाई, इस दौरान व्यय धन के संबंध में सूचना मांगी गई थी। विभाग द्वारा दी गई सूचना में पता चला कि ¨सचाई खंड प्रथम ने वर्ष 2017-18 में 241.219 किलोमीटर नहरों की सफाई कराई थी। 50 क्यूसेक से अधिक पानी वाली नहरों की सफाई मशीन से कराई गई, जबकि 50 क्यूसेक से कम पानी वाली नहरों की सफाई श्रमिकों से कराई गई। मशीन व श्रमिकों से कराए गए सफाई कार्यों पर 81.60 लाख रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।
सिल्ट नहीं सिर्फ झाड़-झंखाड़ साफ
हालांकि वस्तुस्थिति इसके उलट है। शिकारपुर उप नगर के समीप से बहने वाली नहर की सिल्ट मशीन से निकाली गई, लेकिन गांवों के समीप से गुजरी नहरों के दोनों किनारों पर उगे झाड़- झंखाड़ को काट कर कर्तव्यों से इति श्री कर ली गई।
सिल्ट से पटी 794 किमी नहरें, सफाई की दरकार
विभाग द्वारा दी गई सूचना में बताया गया है कि जनपद में नहरों की लंबाई 1035 किमी. है। इसमें से 241.219 किमी. नहरों की सफाई का दावा ¨सचाई खंड प्रथम ने किया है, लेकिन अब भी 794 किमी. नहरों को सफाई की दरकार है। क्योंकि एक दशक से 794 किमी. नहरों की सफाई नहीं हुई है। इन नहरों में सिल्ट जमा होने के कारण पानी का फ्लो कम हो जाता है और टेल तक पानी नहीं पहुंचता। जिले की सभी नहरों की सफाई न होने के कारण ही ¨सचन क्षमता एक तिहाई घट गई है।
शेष की सफाई के लिए मांगा गया है धन
महराजगंज के सिंचाई खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता सुरेश कुमार का कहना है कि जिले में 1035 किमी. नहरें हैं। इसमें से 241.219 किमी. नहरों की सफाई कराई जा चुकी है। शेष बची 794 किमी. नहरों की सफाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से धन आवंटित होने पर सिल्ट सफाई का कार्य शुरू कराया जाएगा।