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गोरखपुर में निर्भया फंड से 80 चौराहों पर रहेगी नजर Gorakhpur News

शहर को स्मार्ट और सेफ (सुरक्षित) बनाने के लिए नगर निगम ने सिटी सर्विलांस (शहर पर निगरानी) पर पहले से काम शुरू किया था।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 05:00 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 05:00 PM (IST)
गोरखपुर में निर्भया फंड से 80 चौराहों पर रहेगी नजर Gorakhpur News
गोरखपुर में निर्भया फंड से 80 चौराहों पर रहेगी नजर Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शहर के 80 चौराहों पर 'तीसरी आंख की नजर रहेगी। इन चौराहों पर निर्भया फंड से सीसीटीवी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस) लगाए जाएंगे। पुलिस लाइन में कंट्रोल रूम बनाकर सभी चौराहों की निगरानी की जाएगी। व्यवस्था नगर निगम करेगा और मॉनीटङ्क्षरग का जिम्मा यातायात पुलिस का होगा।

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स्‍मार्ट सिटी के लिए काम शुरू

शहर को स्मार्ट और सेफ (सुरक्षित) बनाने के लिए नगर निगम ने सिटी सर्विलांस (शहर पर निगरानी) पर काफी समय पहले काम शुरू किया था। इसके लिए शहर के 11 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। बाद में चौराहों की संख्या बढ़ाकर 80 कर दी गई। अब नगर निगम ने निर्भया फंड से बजट के लिए प्रस्ताव भेज दिया है।

महिला अपराध रोकने की दिशा में काम

निर्भया फंड से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ ही महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में कमी लाने के लिए योजना बनाई जाती है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लग जाने से अपराधियों की पहचान आसान हो जाएगी।

पीएएस से नियंत्रित करेंगे यातायात

चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस) भी लगाया जाएगा। कंट्रोल रूम में बैठे अफसर और पुलिसकर्मी चौराहों पर नजर रखेंगे। आपात स्थिति में पीएएस के माध्यम से लोगों को सचेत रहने के साथ ही जागरूक भी किया लाएगा। जाम की स्थिति में कंट्रोल रूप से ही निर्देश दिए जाएंगे।

यह है निर्भया फंड

नई दिल्ली में वर्ष 2012 में निर्भया से हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष फंड बनाने की घोषणा की थी। इस फंड का नाम निर्भया के नाम पर रखा गया था। फंड को गृह मंत्रालय के अधीन किया गया था। कांग्रेस सरकार ने पहले साल निर्भया फंड में एक हजार करोड़ रुपये दिए थे। गृह मंत्रालय रकम में से सिर्फ एक फीसद ही खर्च कर पाया तो भाजपा सरकार ने फंड खर्च करने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को सौंप दी। इस फंड से पीडि़त महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं।

20 चौराहों को जोड़ा जा रहा आइटीएमएस से

राज्य स्मार्ट सिटी में गोरखपुर शामिल हुआ तो नगर निगम ने 20 चौराहों को इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) से जोडऩे का प्रस्ताव तैयार किया था। इससे यातायात को नियंत्रित करने में आसानी होगी। शहर के नौ चौराहों पर काम चल रहा है। बचे 11 चौराहों के लिए बजट मांगा गया है। सिटी सर्विलांस की तरह आइटीएमएस वाले चौराहों पर पुलिस लाइन के कंट्रोल रूम से नजर रखी जाएगी। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का कंट्रोल रूम से ही चालान भी काटा जा सकेगा।

यह चौराहे हैं आइटीएमएस में शामिल

असुरन चौराहा, लाल बहादुर शास्त्री चौक, छात्रसंघ चौराहा, बरगदवा चौराहा, आंबेडकर चौराहा, यातायात तिराहा, विश्वविद्यालय चौक, पादरी बाजार चौक, कूड़ाघाट तिराहा, अग्रसेन तिराहा व खजांची चौक शामिल हैं।

इन चौराहों पर आइटीएमएस से चल रहा काम

गणेश चौराहा, ट्रांसपोर्टनगर चौराहा, कचहरी चौराहा, मोहद्दीपुर चौराहा, बेतियाहाता चौराहा, रुस्तमपुर चौराहा, गोलघर काली मंदिर, नौसड़ चौराहा व पैड़लेगंज चौराहा पर काम चल रहा है।

भेजा गया प्रस्‍ताव

इस संबंध में नगर निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश चंद का कहना है कि सिटी सर्विलांस के तहत 80 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए निर्भया फंड से बजट मिलेगा। प्रस्ताव भेजा जा चुका है। आइटीएमएस के तहत नौ चौराहों पर काम चल रहा है। 


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