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बस्ती जल निगम में 72 लाख का घोटाला

बस्ती जलनिगम में 72.74 लाख रुपये का पाइप लाइन और हैंडपंप घोटाला समाने आया है। 13 साल पहले एनएचआई ने निर्माण के समय क्षतिग्रस्त हर्रैया नगर पंचायत में पाइप लाइन और हैंड पंप के मद में उक्त रकम दी थी। यह रकम कहां गया और किस मद में खर्च कर दिया, इसका किसी के पास जवाब नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 04:25 PM (IST)
बस्ती जल निगम में 72 लाख का घोटाला
बस्ती जल निगम में 72 लाख का घोटाला

गोरखपुर : बस्ती जलनिगम में अजब-गजब कारनामा है। पाइप लाइन और हैंडपंप की पुनसर््थापना का 72.74 लाख रुपये विभाग ने निगल लिया। यह धनराशि 13 साल पहले एनएचएआइ ने फोरलेन निर्माण के दौरान हुई क्षति का मूल्यांकन करने के बाद बतौर हर्जाना दी थी।

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दरअसल फोरलेन निर्माण के दौरान नगर पंचायत हर्रैया की सीमा में पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन और हैंडपंप क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसकी भरपाई के लिए जलनिगम से मूल्यांकन कराकर एनएचएआइ को नोटिस दिया गया। उसके बाद कार्यदायी संस्था एनएचआइ ने जलनिगम को उक्त धनराशि जरिए चेक भुगतान कर दिया। इसके बाद नगर पंचायत हर्रैया से एनएचएआइ को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

आश्चर्यजनक बात यह है कि यह धनराशि जलनिगम ने गुपचुप ढंग से खर्च कर दी और नगर पंचायत के जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नही लगी। तब से उस इलाके में दोबारा न तो पाइप लाइन बिछाई गई और न कही हैंडपंप लगाए गए।

इस गोलमाल का खुलासा जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ। 13 वर्ष पहले फोरलेन निर्माण के दौरान हरैया में नगर पंचायत प्रशासन द्वारा निर्मित 2.5 किमी पाइप लाइन और 28 अदद हैंडपंप क्षतिग्रस्त किए गए। इसके एवज में वर्ष 2005 में तत्कालीन पीडी एनएचएआइ द्वारा जल निगम को पहली किश्त के रूप में 19 नवंबर 2005 को 4311579 रुपये और दूसरी किश्त के रूप में 27 जुलाई को 2862500 रुपये दिए गए। चार माह के अंतराल में कुल 717479 रुपये जल निगम के खाते में स्थानांतरित किए गए। इस धन से 28 हैंडपंप लगने थे और 2.5 किमी पाइप लाइन बिछानी थी। मगर इस धनराशि से यहां कोई भी कार्य नही कराया गया।

नगर पंचायत प्रशासन भी जल निगम के कार्यों से अनजान है। गोलमाल का खुलासा होने के बाद कई जलनिगम के कई अभियंता सवालों के घेरे में हैं। अब सवाल यह है एनएचएआइ से मिला पैसा कहां और कब खर्च किया गया। इस सवाल पर विभाग का हर कोई निरुत्तर है।

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पेयजल को तरस रहे चार वार्डों के नागरिक

फोरलेन निर्माण के दौरान हर्रैया बाईपास पाइपलाइन और हैंडपंप क्षतिग्रस्त होने से कस्बे के चार वार्डों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई थी। तभी से इन वार्डों के नागरिक शुद्ध पेयजल को अभी भी तरस रहे है। वार्ड संख्या एक अंबेडकरनगर, वार्ड संख्या दो कुंवरनगर, वार्ड तीन उग्रसेन नगर पूर्ण रूप से तो वार्ड संख्या पांच मनोरमा नगर की पांच हजार की आबादी शुद्ध पेयजल से वंचित है।

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नही दिया गया संतोषजनक जवाब

नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि कई बार पत्र व्यवहार करने के बाद भी जल निगम से कोई संतोषजनक जवाब नही मिला। एनएचएआइ ने यह जानकारी दी कि उसी समय जल निगम के खाते में संपूर्ण धनराशि भेज दी गई। पाइप लाइन निर्माण से पहले स्थल चयन और कार्य पूर्ण होने पर नगर पंचायत प्रशासन को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। अभी जल निगम की ओर से इस आशय का कोई पत्र नही मिला।

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इस संबंध में जल निगम के अधिशासी अभियंता विशेश्वर प्रसाद का कहना है कि एनएचएआइ की ओर से विभाग को धनराशि मिली है और काम भी हुआ है। पुनसर््थापना मद में मिले 72 लाख रुपये कब और कहां खर्च हुए इसकी जानकारी कराई जा रही है।


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