गोरखपुर में हर माह 60 वाहनों की हो रही चोरी, जानें-चोरों पर क्यों नहीं लग रहा लगाम Gorakhpur News
जिले में हर माह औसतन 60 वाहन चोरी हो रही है। इसकी तुलना में बरामदगी की दर काफी कम है। हर माह औसतन पुलिस चोरी के पांच वाहन ही बरामद कर पाती है।
गोरखपुर, जेएनएन। पुलिस के बताए आंकड़ों पर यकीन करें तो जिले में क्राइम रेट लगातार कम हो रहा है। लेकिन एक क्राइम की श्रेणी ऐसी है। जिसने पुलिस की भी नाक में दम कर रखा है और यह क्राइम लगातार बढ़ भी रहा है। देहात के अलावा शहर में वाहन चोरी की घटनाएं जिस तेजी से बढ़ रही है, उससे पुलिस के सामने चोर चुनौती बन कर खड़े हो गए हैं। 2019 में 783 वाहन चोरी हुए। लेकिन पुलिस केवल 146 ही बरामद कर पाई। यह वह आंकड़ें हैं जिनके मामले थाने में दर्ज हुए हैं।
हर माह औसतन 60 वाहन चोरी
जिले में हर माह औसतन 60 वाहन चोरी हो रही है। इसकी तुलना में बरामदगी की दर काफी कम है। हर माह औसतन पुलिस चोरी के पांच वाहन ही बरामद कर पाती है। रात के अंधेरे में हो या दिन के उजाले में चोर बेधड़क वाहन चुराकर ले जाते हैं।
चोरों के हौसले इसलिए है बुलंद
पुलिस मामला तो दर्ज कर लेती है लेकिन लंबे समय तक न वाहन का पता चलता है न चोरी करने वालों का। ऐेसे में चोरों के भी हौसले बुलंद हो गए हैं और वाहन चोरी का सिलसिला लगातार जारी है। समीक्षा में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर डीआइजी रेंज राजेश मोदक ने नाराजगी जताई है। एसएसपी को पत्र लिख थानास्तर पर टीम गठित कर चोरी हुए वाहनों को बरामद करने के लिए सार्थक प्रयास शुरू करने निर्देश दिया है।
चोर को पकडऩे से ज्यादा एफआर पर जोर
वाहन चोरी की घटना को थानेदार व विवेचक गंभीरता से नहीं लेते हैं। चोर को पकडऩे की कोशिश करने की बजाय सबका जोर एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगाने पर होता है। 2019 में दर्ज हुए वाहन चोरी की 783 घटनाओं में विवेचक 468 में एफआर लगा चुके हैं। 202 मामले की अभी जांच चल रही है।
2019 में हुए वाहन चोरी का आंकड़ा वाहन
चोरी के 783 मामले दजर् किए गए हैं। जबकि बरामदगी 146 वाहनों की हुई है। शेष 637 वाहनों का अब तक पता नहीं है। वाहन चोरी के 113 मामलों में चार्जशीट लगा दी गई है और एफआर 468 मामलों में लग चुका है। विवेचनाधीन अभी 202 मामले हैं।
डीआइजी ने दिया निर्देश
इस संबंध में डीआइजी राजेश मोदक का कहना है कि चोरी हुए वाहनों की तुलना में बरामदगी का दर काफी कम है। इसकी वजह स्थानीय पुलिस का मामले में रूचि न लेना है। रेंज के सभी कप्तान को पत्र लिखकर वाहन चोरी की घटना को गंभीरता से लेते और बरामदगी के लिए सार्थक प्रयास करने का निर्देश दिया है।