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सीएम सिटी में प्रतिदिन बर्बाद हो रहा 60 लाख लीटर पानी Gorakhpur News

सीएम सिटी गोरखपुर में धुलाई सेंटरों खुली व टूटी टोटियों और पाइप लाइन के लीकेज के चलते लगभग 60 लाख लीटर पानी रोज व्यर्थ हो रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 11:54 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 10:54 AM (IST)
सीएम सिटी में प्रतिदिन बर्बाद हो रहा 60 लाख लीटर पानी  Gorakhpur News
सीएम सिटी में प्रतिदिन बर्बाद हो रहा 60 लाख लीटर पानी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। जल ही जीवन है। यह सभी जानते हैं, लेकिन पानी की बर्बादी से परहेज नहीं करते। नतीजा, जलसंकट की स्थिति पैदा हो चुकी है। गोरखपुर के शहरी क्षेत्र में भूजल स्तर पिछले तीन वर्षों से लगातार नीचे जा रहा है। इसके बाद भी पानी की बर्बादी जारी है। नलकूपों का पानी बर्बाद न हो इसके लिए जलकल ने स्काडा लगाकर उसे रोकने का प्रयास किया है, लेकिन धुलाई सेंटरों, खुली व टूटी टोटियों और पाइप लाइन के लीकेज के चलते लगभग 60 लाख लीटर पानी रोज व्यर्थ हो रहा है।

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जलकल विभाग के मुताबिक गर्मी में पानी की जितनी डिमांड होती उतनी आपूर्ति नहीं हो पाती है। शहर की बड़ी आबादी तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने में जलकल विभाग पूरी तरह नाकाम है। कहीं सिर्फ पाइप बिछाकर छोड़ दी गई है तो कहीं प्रेशर कम होने की वजह से पानी घर तक नहीं पहुंच रहा है। दूसरी तरफ नलकूप, सबमर्सिबल से पानी के दोहन और पानी की बर्बादी का हिसाब किसी के पास नहीं है। शहर में होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, सर्विस धुलाई सेंटर, आरओ प्लांट में तीन से पांच हार्स पावर क्षमता के सबमर्सिबल पंप लगे हैं। इनसे बेहिसाब जलदोहन किया जा रहा, जिससे पानी की बर्बादी अधिक होती है। शहर में दर्जनों स्थानों पर किसी न किसी वजह से पानी बर्बाद होता है।

दैनिक जागरण 'आधा गिलास पानी' अभियान : ग्राहकों को परोसा आधा गिलास पानी

गोरखपुर के गोलघर स्थित होटल रॉयल रेजीडेंसी में जब ग्राहकों को आधा गिलास पानी परोसा गया तो वे चौंके। उन्होंने जानने की कोशिश की कि उन्हें आधा गिलास पानी क्यों मिला है? होटल प्रबंधन ने बताया कि दैनिक जागरण के जल संरक्षण अभियान 'आधा गिलास पानी' से प्रेरित होकर यह किया जा रहा है। चूंकि पानी हम पैदा नहीं कर सकते, केवल उसे बचाना ही एकमात्र उपाय है। यदि जरूरत पड़ी तो और पानी दिया जाएगा लेकिन संकेत यह है कि हम पानी जरूरत भर का इस्तेमाल करें, बर्बाद न होने दें।

होटल के शहंशाह रेस्टोरेंट में खाने की टेबल पर लोग बैठे थे। सबसे पहले उनके पास कर्मचारी पानी ही लेकर गए, आधा गिलास पानी देख उनके मन में सवाल पैदा हुआ और इसका जवाब जल संरक्षण था। जवाब से वे संतुष्ट हुए और स्वयं कभी पानी बर्बाद नहीं करने का निर्णय लिया। विपिन मौर्या ने कहा कि जल को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

माधुरी का कहना था कि वे आश्चर्यचकित हैं कि बड़े-बड़े लेख जो नहीं समझा पाए, उसे आधा गिलास पानी ने समझा दिया। पूजा सिंह ने कपड़े व बर्तन धुलने में अनावश्यक पानी इस्तेमाल न करने का संकल्प लिया। खुशबू मौर्या ने जागरण के इस अभियान को सराहा। अनूप सिंह, माधुरी सिंह व संजीव सिंह ने कहा कि वे दैनिक जागरण के इस अभियान के साथ हैं, वह स्वयं तो पानी बचाएंगे ही, दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।

होटल कर्मचारियों ने लिया पानी बचाने का संकल्प

होटल के सभी कर्मचारियों ने जागरण के जल संरक्षण टेंट कार्ड को सभी टेबल पर पहले रखा, ग्राहकों को आधा गिलास पानी परोसा और उसका कारण बताया, साथ ही स्वयं पानी बचाने तथा दूसरों को भी प्रेरित करने का संकल्प लिया। मैनेजर राकेश राय ने सभी को संकल्प दिलाया।

ऐसे बनें वाटर हीरो

जल संरक्षण का महत्व समझते हुए बूंद-बूंद पानी बचाने को प्रयासरत लोगों के प्रयास औरों के लिए नजीर बनें। इसके लिए ऐसे लोगों को वाटर हीरो के तमगे से नवाजा जाएगा। साथ ही यदि आपके घर अथवा आस-पास जल रिसाव हो रहा है तो हमारे वाटर इंजीनियर की सहायता से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। घर पर रिसाव होने पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। घर से बाहर रिसाव होने पर फोटो और लोकेशन दिए गए

जागरण के अभियान से प्रेरित होकर मैंने निर्णय लिया है कि होटल के प्रत्येक कमरे में जागरण के जल संरक्षण का टेंट कार्ड रखा जाएगा, ताकि हम अपने ग्राहकों को जागरूक कर सकें। : राजीव धींगरा, निदेशक, होटल रॉयल रेजीडेंसी

यदि हम पानी नहीं बचाते हैं, तो जीवन खतरे में पड़ेगा। आज गोलघर में 400 फुट नीचे तक पीला पानी मिल रहा है। कभी 200 फीट पर ही साफ पानी मिलता था। होटल प्रबंधन जागरण के साथ है। : रक्षित धींगरा, कार्यकारी निदेशक, होटल रॉयल रेजीडेंसी

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