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गोरखपुर में कुपोषण की जद में 50 फीसद नौनिहाल Gorakhpur News

गोरखपुर-बस्ती मंडल की बात करें तो शून्य से पांच वर्ष की उम्र तक के 40 से 50 फीसद नौनिहाल इसकी जद में हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 10:04 AM (IST)
गोरखपुर में कुपोषण की जद में 50 फीसद नौनिहाल Gorakhpur News
गोरखपुर में कुपोषण की जद में 50 फीसद नौनिहाल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए कुपोषण एक गंभीर संकट बना हुआ हैै। गरीबी, अशिक्षा व पिछड़ापन इस इलाके में दर्द को और बढ़ा रहे हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल की बात करें तो शून्य से पांच वर्ष की उम्र तक के 40 से 50 फीसद नौनिहाल इसकी जद में हैं। महराजगंज, संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर जिलों में तो ऐसे ब'चों की संख्या 50 फीसद से भी ज्यादा है। ब'चों में इसकी नींव गर्भावस्था से ही पड़ जा रही है। खामियाजा गंभीर बीमारियों के रूप में ताउम्र भुगतना पड़ रहा है।

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बच्‍चों के विकास पर असर

कुपोषण का असर बPचे के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर केपी कुशवाहा के अनुसार गरीबी या मां-बाप की जागरूकता में कमी का खामियाजा ब'चे को जीवन भर भुगतना पड़ता है। कुपोषण का पहला असर ब'चे की लंबाई पर पड़ता है। मानसिक विकास भी प्रभावित होता है। ब''ो की पढ़ाई-लिखाई, प्रोफेशन, कार्यक्षमता तकरीबन सब कुछ प्रभावित हो जाती है। फिर व्यक्ति जीवन में चाहे शारीरिक श्रम से जुड़े कार्य करे या बौद्धिक, कुपोषण किसी न किसी रूप में आड़े आ जाता है। इससे व्यक्ति की आय प्रभावित होती है, जिसका असर उसके साथ परिवार के भी भविष्य पर पड़ता है।

गंभीर रोगों का खतरा

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आरएन सिंह के मुताबिक कुपोषित ब'चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। गरीबी व जागरूकता की कमी तो कुपोषण की वजह है ही, आजकल फास्ट फूड का बढ़ता चलन भी कुपोषण बढ़ा रहा है। इसके इस्तेमाल से ब'चों में मोटापा तो बढ़ रहा है, पर पोषक तत्व नहीं मिल रहे। इससे आगे चलकर मधुमेह, उ'च रक्तचाप आदि बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

कुपोषण के प्रमुख लक्षण

शारीरिक विकास प्रभावित होना, मांसपेशियां ढीली होना या कमजोरी, त्वचा पीला होना व झुर्रियां पडऩा, कार्य करते समय अधिक थकावट महसूस होना, तर्क क्षमता में कमी, डर व चिड़चिड़ापन, बालों में रूखापन व कमजोर होना, चेहरा बुझा-बुझा दिखना, आंखों के नीचे कालापन, वजन कम होना व कमजोरी, नींद व पाचन क्षमता में कमी, हाथ-पैरों का पतला व पेट या मध्य भाग में मोटापा या सूजन (ज्यादातर बच्‍चों में) प्रमुख लक्षण हैं।

पांच साल तक के बच्‍चों में कुपोषण की स्थिति

जिला                प्रतिशत

गोरखपुर               42.1

देवरिया                41.1

महराजगंज             53.3

कुशीनगर               45

बस्ती                   48.9

सिद्धार्थनगर             57.9

संतकबीरनगर           50.5

(स्रोत नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे फॉर 2015-16)


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