Coronavirus : विदेश से गोरखपुर लौटे 457 लोग फिर जांच की जद में, पुलिस जुटा रही जानकारी
Coronavirus गोरखपुर में दो माह के भीतर विदेश से लौटे 457 लोग एक बार फिर जांच की जद में हैं। सूची मिलने के बाद पुलिस की कोविड-19 टीम इनकी निगरानी कर रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। दो माह के भीतर विदेश से लौटे 457 लोग एक बार फिर जांच की जद में हैं। सूची मिलने के बाद पुलिस की कोविड-19 टीम इनकी निगरानी कर रही है। थानेदारों को भी सूची भेजकर पूछा गया है कि विदेश से आए लोग क्वारंटाइन हैं या नहीं।
सत्यापन के लिए पुलिस की टीमें लगाई गईं
पुलिस विभाग ने फरवरी तथा मार्च महीने में विदेश यात्रा या नौकरी करके गोरखपुर लौटे लोगों की सूची तैयार कराई है। इसमें 457 लोगों के नाम हैं। इनमें ज्यादातर लोग बड़हलगंज, गोला, गगहा और बेलघाट इलाके के रहने वाले हैं। खाड़ी देशों से लौटे लोगों की संख्या अच्छी खासी है। शासन के निर्देश पर पुलिस यह तस्दीक कर रही है कि विदेश से आए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ या नहीं। यही नहीं जिनकी स्वास्थ्य जांच हुई है, उनकी क्या स्थिति है। उनमें कितने लोग क्वारंटाइन किए गए हैं। इसका सत्यापन कराया जा रहा है। कोई झूठ न बोल सके, इसके लिए उनके पड़ोसी और गांव के लोगों से भी पुलिस जानकारी जुटा रही है। कोविड-19 के प्रभारी सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि पुलिस विदेश से आने वाले लोगों का सत्यापन कर रही है।
नेपाल में नौ पाकिस्तानी जमाती समेत 20 हिरासत में
नेपाल ने भी दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में शामिल जमातियों की तलाश तेज कर दी है। नेपाल के बारा जिले में वहां की पुलिस ने मस्जिदों में छापा मारकर 20 जमातियों को हिरासत में लिया है। इसमें 11 आगरा के और नौ पाकिस्तान के निवासी बताए जा रहे हैं। नेपाल पुलिस इन जमातियों से पूछताछ कर रही है। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता गौतम मिश्र के मुताबिक पकड़े गए सभी लोग दिल्ली से लौटने के बाद नेपाल में धर्म प्रचार का कार्य कर रहे थे। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता गौतम मिश्र के मुताबिक बारा जिले के तीन मस्जिदों में छापेमारी कर 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी को 14 दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में रखा गया है। इन सभी की कोरोना संक्रमण से संबंधित जांच कराई जाएगी। जमातियों की तलाश के लिए टीम गठित की गई है। निजामुद्दीन में नेपाल के 298 जमाती शामिल हुए थे।
सीमा में आएं तो पहले नाम-पता बताएं
कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए यहां आने वाले हर शख्स की न केवल पहचान होगी बल्कि स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाएगा। सीमा के सभी 18 प्रवेश स्थलों पर इसके लिए मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है। बाहर से आने वालों का नाम-पता दर्ज करने के बाद ही उन्हें प्रवेश की इजाजत मिलेगी। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया कि पड़ोसी जिलों में कोरोना की दस्तक के बाद गोरखपुर को बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। कई जगहों से ऐसी सूचना भी मिली है कि कुछ लोग 'वाहन पास' बनवाकर उसका दुरुपयोग कर रहे हैं। सड़क पर बेवजह घूमने वालों को न केवल चिन्हित किया जाएगा बल्कि उन पर कार्रवाई भी होगी।