जीडीए में कम हो गए 400 डिफाल्टर, जानें-क्या है कारण Gorakhpur News
योजना शुरू होने के समय एक बार फिर डिफाल्टरों की सूची बनाई गई इसमें उन योजनाओं के आवंटियों के नाम बाहर निकाल दिए गए हैं जिनकी रजिस्ट्री विभाग नहीं कर सका है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की विभिन्न योजनाओं में डिफाल्टर की संख्या घटकर 1100 रह गई है। वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम की घोषणा होने के बाद 1500 डिफाल्टर चिन्हित किए गए थे।
बकाया राशि 10 करोड़ घटी
योजना शुरू होने के समय एक बार फिर डिफाल्टरों की सूची बनाई गई, इसमें उन योजनाओं के आवंटियों के नाम बाहर निकाल दिए गए हैं, जिनकी रजिस्ट्री विभाग नहीं कर सका है। डिफाल्टरों की संख्या घटने के बाद 80 की जगह बकाया धनराशि भी करीब 70 करोड़ रुपये रह गई है।
बकाया भुगतान के लिए किस्त की सुविधा उपलब्ध
शासन की ओर से शुरू की गई ओटीएस योजना के तहत विभिन्न योजनाओं में डिफाल्टर आवंटियों को दंड ब्याज में छूट का लाभ दिया जाना है। छह मार्च से शुरू हुई योजना के तहत तीन महीने तक पंजीकरण कराकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। बकाये के भुगतान के लिए किस्त की सुविधा भी दी जा रही है। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस योजना के चलते प्राधिकरण को काफी लाभ होगा। आवंटी बकाया धनराशि जमा कर देंगे।
करीब 50 आवंटियों ने कराया पंजीकरण
छह मार्च से शुरू हुई योजना के तहत करीब 50 आवंटियों ने पंजीकरण करा लिया है। पंजीकरण की प्रगति से जीडीए के अधिकारी संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
डिफाल्टरों को दंड ब्याज में छूट
इस संबंध में जीडीए के सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि जीडीए की विभिन्न योजनाओं में करीब 1100 डिफाल्टर चिन्हित हुए हैं। उन्हें ओटीएस योजना के तहत दंड ब्याज में छूट का लाभ दिया जाएगा।