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जानें- विधायकों ने किन स्‍थलों के विकास के लिए दिया है प्रस्ताव G0rakhpur News

49 विधानसभा क्षेत्र वाले पर्यटन क्षेत्र में 37 विधायकों ने अपना प्रस्ताव विभाग को भेज दिया है। विधायकों ने अपने क्षेत्र से जिस नाम का प्रस्ताव किया है वह छोटे आध्यात्मिक स्‍थल हैं

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 06:48 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 07:00 PM (IST)
जानें- विधायकों ने किन स्‍थलों के विकास के लिए दिया है प्रस्ताव G0rakhpur News
जानें- विधायकों ने किन स्‍थलों के विकास के लिए दिया है प्रस्ताव G0rakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री पर्यटन संवद्र्धन योजना के तहत पर्यटन विभाग ने अपने कार्यक्षेत्र गोरखपुर और आजमगढ़ मंडल के सभी विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक चिह्नित स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है।

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गोरखपुर और आजमगढ़ मंडल के 37 विधायकों ने दिया प्रस्‍ताव

इसके तहत विधायकों से पिछले दिनों प्रस्ताव मांगा गया था। 49 विधानसभा क्षेत्र वाले पर्यटन क्षेत्र में 37 विधायकों ने अपना प्रस्ताव विभाग को भेज दिया है। विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र से जिस नाम का प्रस्ताव किया है, वह छोटे-छोटे आध्यात्मिक स्थल हैं। बानगी के तौर पर गोरखपुर जिले के विधानसभा क्षेत्रों को लें तो पिपराइच के विधायक महेंद्र पाल सिंह ने भटहट के बरगदही शिव स्थल को तो गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह ने बानपोखर दुर्गा स्थल को पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा है। बांसगांव विधायक विमलेश पासवान ने बसौली शिव मंदिर, खजनी के विधायक संत प्रसाद ने बनवासी आश्रम, सहजनवां विधायक शीतल पांडेय ने पिपरौली के  रामजानकी मंदिर, विनय शंकर तिवारी ने पड़ौली समय माता स्थल और बड़हलगंज में सरयू तट पर मौजूद लेटा घाट को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रस्ताव के माध्यम से इच्‍छा जताई है। चौरीचौरा विधायक संगीता यादव ने तरकुलहा देवी मंदिर और पूर्व मंत्री और कैंपियरगंज विधायक फतेह बहादुर विधायक ने सदाशिव मंदिर को विकसित करने का प्रस्ताव रखा है। आजमगढ़ के दीदारगंज के विधायक सुखदेव राजभर ने मार्टिनगंज में मजार को विकसित करने का प्रस्ताव भेजा है। 

इन स्थलों को पर्यटन केंद्र बनाने का है प्रस्ताव

गोरखपुर के कैंपियरगंज- सदाशिव मंदिर, पिपराइच- बरगदही शिव मंदिर, गोरखपुर ग्रामीण- बानपोखर मां दुर्गा स्थल, सहजनवां- रामजानकी मंदिर पिपरौली, खजनी- वनवासी आश्रम व हनुमान स्थल, चौरीचौरा- तरकुलहा देवी स्थल, बांसगांव- बसौली शिव मंदिर, चिल्लूपार- समय माता मंदिर पड़ौली व बड़हलगंज का लेटाघाट।

कुशीनगर में चार स्‍थानों का होगा सुंदरीकरण

कुशीनगर जिले के खड्डा-  पथलहवा शिव स्थल, कुशीनगर- परवरपार शिव स्थल, हाटा- मंझरिया देवी स्थल, रामकोला- कुलकुला धाम भड़सरा खास।

देवरिया के पांच आध्‍यात्मिक स्‍थलों के नाम का प्रस्‍ताव

देवरिया जिले के रामपुर कारखाना- गंगाधर बाबा स्थल तरकुलवा, रुद्रपुर- करैली देवी स्थल, देवरिया- पवहारी मंदिर पैकौली, बरहज- नगर शिव स्थल।

महराजगंज में आठ स्‍थलों का होगा पर्यटकीय विकास

महराजगंज जिले के फरेंदा- लेहड़ा देवी मंदिर, नौतनवां- रामजानकी मंदिर सोनौली, महराजगंज सदर- अमोढ़ा शिव मंदिर, पिपरा कल्याण रामजानकी मंदिर, टोला मरदहा दुर्गा मंदिर, काली माता मंदिर हरखपुरा सिसवा, पनियरा - बांकी देवी मंदिर, सिसवा- इटहिया शिव स्थल।

आजमगढ़ जिले के 10 स्‍थानों को विकसित करने का प्रस्‍ताव

आजमगढ़  आजमगढ़- परम ज्योति मां स्थल जहानागंज, लालगंज- परमेश्वरी धाम मंदिर लहुआ खुर्द, गोपालपुर- बुढ़ऊ बाबा स्थल शिवपुर देवारा, महराजगंज, सगड़ी- ब्रह्मौली शिव मंदिर बाबा पातालानाथ, मुबारकपुर- सठियांव अंजाने डल अमरलिहा स्थल, फूलपुर पवई- अंबारी बाबा राधा-कृष्ण मंदिर पवई, दीदारगंज- आशाराम स्थल मार्टिनगंज, चितारा महमूदपुर शिव मंदिर, मार्टिनगंज की मजार, मेहनगर- महामंडलेश्वर शिव स्थल गौरा।

बलिया में सात मठ मंदिरों का होगा विकास

बलिया जिले के बेल्थरा रोड- खैरा मठ दीयर, रसड़ा- खाकी बाबा आश्रम नगरा, फेफना- बाबू राय बाबा स्थल नरही सोहांव, शिव स्थल गढ़वार, नाथ बाबा मंदिर चौरा स्थल सोहांव, बलिया नगर- भृगु आश्रम स्थल बहादुरपुर, बैरिया- खपडिय़ा बाबा आश्रम श्रीपालपुर बैरिया।

मऊ के तीन स्‍थान बनेंगे पर्यटक केंद्र

मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना- देवल बाबा स्थल देवल, घोसी- शिव स्थल कोपागंज, सीताकुंड घोसी।

लखनऊ भेजी गई प्रस्‍ताव की सूची 

इस संबंध में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र का कहना है कि अब तक 37 विधायकों ने छोटे-छोटे आध्यात्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल में रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। प्रस्तावों की सूची पर्यटन निदेशालय लखनऊ को भेज दी गई है। जिन विधानसभा क्षेत्रों से स्थलों के नाम नहीं मिल सके हैं, वहां के विधायकों से संपर्क साधा जा रहा है। निदेशालय से मार्गदर्शन मिलने के बाद चिन्हित स्थलों का डीपीआर तैयार कराया जाएगा।


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