परफार्मेस के नाम पर प्रधान जी लोगों ने डकार लिए तीन करोड़ की ग्रांट, मांगा गया जवाब
गोरखपुर में रोक के बावजूद प्रधानों ने निष्पादन अनुदान के नाम पैसा निकाल लिया और उसका हिसाब भी उनके पास नहीं है। विभाग ने ऐसे प्रधान को नोटिस जारी किया है।
गोरखपुर : गांव में आय का स्रोत पैदा करने और पारदर्शी हिसाब-किताब रखने के नाम पर मिली परफार्मेस ग्रांट (निष्पादन अनुदान) में जबरदस्त धांधली हुई है। शासन से परफार्मेस ग्रांट पाने वाली ग्राम सभाओं के खातों पर रोक के बावजूद कुछ दुस्साहसी सचिव और प्रधानों ने न केवल खातों से धन निकाल लिया बल्कि उसे खर्च भी कर दिया। जांच में इसका पर्दाफाश होने के बाद संबंधित सचिवों और प्रधानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों पर वर्ष 2016-17 में बेलवा, ब्रह्मपुर, भेउस उर्फ बनकट, खजनी, बनकटा, गोला, सरहरी, मझगांवा, जंगल कौड़िया, परमेश्वरपुर, नरायनपुर, मरची समेत जनपद की 47 ग्राम पंचायतों में परफार्मेस ग्रांट (निष्पादन अनुदान) की धनराशि भेजी गई थी। यह धनराशि 40 लाख से लेकर एक करोड़ तक थी। इतनी भारी-भरकम धनराशि के एक खाते में पहुंचते ही जहां इसे खर्च करने को लेकर होड़ मच गई है वहीं इस बात की शिकायतें भी आम होने लगी कि परफार्मेस ग्रांट देने में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। जिन गांवों को यह अनुदान मिला है उसमें ज्यादातर गांव इसे पाने की शर्तो को पूरा नहीं करते हैं। प्रदेश में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विजिलेंस ने जहां परफार्मेस ग्रांट पाने वाले प्रदेश के सभी गांवों की जांच शुरू कर दी, वहीं शासन ने इन खातों के संचालन पर रोक लगाते हुए खातों को सीज कर दिया।
शासन ने खातों के संचालन पर लगी रोक के बावजूद जनपद के तकरीबन डेढ़ दर्जन प्रधान और सचिवों ने अपने-अपने खातों से धन का आहरण कर लिया। इस काम में अन्य विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। विजिलेंस के साथ जनपद स्तर पर चल रही जांच में इसका खुलासा होने के बाद अब ऐसी ग्राम पंचायतों की सूची तैयार की जा रही है, जिन्होंने रोक के बावजूद धन की निकासी है। फिलहाल पंचायती राज विभाग ने 18 प्रधान और सचिवों को इस संबंध में नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है।
जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने कहा है कि खातों पर रोक के बावजूद कुछ ग्राम पंचायतों में निष्पादन अनुदान की धनराशि निकालने की बात पता चली है। इसकी जांच कराई जा रही है। प्रधान-सचिव को संयुक्त रूप से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। रोक के बावजूद धन की निकासी कैसे हो गई, इस पर कार्रवाई भी कराई जाएगी।
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क्या होती परफार्मेस ग्रांट
14वें वित्त आयोग से सभी ग्राम पंचायतों को आवंटित होने वाली कुल धनराशि का 10 फीसद हिस्सा रोक लिया जाता है। बची हुई यह धनराशि सिर्फ उन्हीं ग्राम पंचायतों में जारी की जाती है जो विशेष रूप से दो कार्य करती हैं। पहला स्वयं के स्रोतों से अपनी आय के साधन तैयार करती हों और दूसरा दो सालों की आडिट रिपोर्ट तैयार रखती हों। उन्हें प्रोत्साहन के रूप में परफार्मेस ग्रांट की धनराशि आवंटित दी जाती है। पिछली सरकार में प्रदेश के कई जनपदों में ग्राम पंचायतों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे परफार्मेस ग्रांट हासिल कर उसका दुरुपयोग किया था, जिसके बाद उसकी जांच शुरू हुई थी।