गोरखपुर में स्थापित होंगी 2450 दुर्गा प्रतिमाएं, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दुर्गा पूजा व दशहरा की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों ने बैठक की। सुरक्षा के प्लान पर चर्चा करने के बाद विजयदशमी पर गोरखनाथ मंदिर से रामलीला मैदान तक निकलने वाली गोरक्षपीठाश्वर की शोभा यात्रा के मार्ग का निरीक्षण किया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : दुर्गा पूजा व दशहरा की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों ने बैठक की। सुरक्षा के प्लान पर चर्चा करने के बाद विजयदशमी पर गोरखनाथ मंदिर से रामलीला मैदान तक निकलने वाली गोरक्षपीठाश्वर की शोभा यात्रा के मार्ग का निरीक्षण किया। इस साल जिले में 2450 दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित होंगी, जिसमें 550 प्रतिमाएं शहर में हैं।
पूजा समिति के अध्यक्ष को दिए गए निर्देश
एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल बनाने के लिए शासन से जारी हुए निर्देश सभी पूजा समिति के अध्यक्ष को दे दी गई है। थानेदारों से कहा गया है पीस कमेटी की बैठक करके लोगों से त्योहार को सकुशल मनाने, असामाजिक तत्वों के खिलाफ सूचना देने, इंटरनेट मीडिया पर किसी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट न करने की जानकारी दें। माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। राजघाट पुल, दुर्गाबाड़ी में सीसी कैमरा व ड्रोन से निगरानी होगी।
इतनी प्रतिमाएं हुईं स्थापित
शहर - 550
उत्तरी क्षेत्र - 1000
दक्षिणी क्षेत्र - 900
भक्ति भाव से निकाली गई राम वनगमन की शोभायात्रा
बर्डघाट रामलीला समिति के तत्वावधान में भगवान राम के वनगमन की शोभायात्रा भक्तिभाव से निकाली गई। जयघोष गूंज रहा था। वातावरण भक्तिमय हो गया था। श्रद्धालुओं के रूप में अयोध्यावासी नम आंखों से उनके साथ चल रहे थे। शोभायात्रा की शुरुआत स्व. बाबू जगरनाथ प्रसाद अग्रवाल के निवास स्थान शेखपुर से हुई। लालडिग्गी, घासीकटरा, जाफरा बाजार, आर्यनगर, बक्शीपुर, रेती, घंटाघर होते हुए पुन: वहीं वापस आकर समाप्त हुई। पदाधिकारियों ने भगवान राम की आरती उतारी। यात्रा में बैंडबाजा, घोड़ा, बग्घी आदि शामिल थी। कार्यक्रम में अध्यक्ष पंकज गोयल, अनिल बरनवाल, अरङ्क्षवद बरनवाल, विनोद सर्राफ, मृणाल बरनवाल, अनुराग मंझवार, भरत जालान, सोनू निगम, गोपाल वर्मा व विजय कुमार मोदी आदि शामिल थे।
लक्ष्मण-परशुराम संवाद का दर्शकों ने लिया आनंद
रामलीला समिति आर्य नगर के तत्वावधान में मानसरोवर मैदान में आयोजित रामलीला में धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद व राम विवाह के मंचन का दर्शकों ने आनंद लिया। देर रात तक लोग मंच से जुड़े रहे। इस दौरान मां दुर्गा की विशेष झांकी प्रस्तुत की गई। रामलीला की शुरुआत भगवान राम की आरती से हुई। इसके बाद कलाकारों ने शुरू किया अपनी कला का प्रदर्शन। भगवान राम द्वारा धनुष तोड़े जाने पर क्रोधित परशुराम सीता स्वयंवर में पहुंचते हैं। लक्ष्मण की बातें उनके क्रोध को और बढ़ा देती हैं। परशुराम के हर सवाल का लक्ष्मण ऐसा जवाब देते हैं कि उनका क्रोध बढ़ जाता है। जब वे कहते हैं कि पूरी पृथ्वी को नष्ट कर दूूंगा तो लक्ष्मण कहते हैं कि- इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं....। इस पर परशुराम आगबबूला हो जाते हैं।