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Railway News: रोजाना 24 स्पेशल ट्रेनें, फिर भी वेटिंग पांच हजार पर

Railway News गोरखपुर से रोजाना 24 स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं इसके बाद भी यात्रियों को जगह नहीं मिल रही है। गोरखपुर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जाने वाली ट्रेन में 3े398 वेटिंग है। गोरखपुर के रास्ते छपरा से लोकमान्य तिलक टर्मिनस जाने वाली स्पेशल में नो रूम हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 09:02 AM (IST)
Railway News: रोजाना 24 स्पेशल ट्रेनें, फिर भी वेटिंग पांच हजार पर
गोरखपुर से दिल्ली मुंबई जाने वाली कई ट्रेनों में इस समय 'नो रूम' चल रहा है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जाने वाली 02597 स्पेशल एक्सप्रेस के जनरल श्रेणी में छह जुलाई को 398 वेटिंग है। गोरखपुर के रास्ते छपरा से लोकमान्य तिलक टर्मिनस जाने वाली 05101 स्पेशल में छह और 13 जुलाई को नो रूम (टिकटों की बुकिंग बंद) है। यह दो ट्रेनें तो सिर्फ नजीर हैं।

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पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों से मुंबई जाने वाली ट्रेनों में नहीं मिल रही जगह, वेटिंग के लिए भी मारामारी

पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों से मुंबई जाने वाली किसी भी ट्रेन में जगह नहीं मिल रही। कंफर्म ही नहीं अब तो वेटिंग टिकट के लिए भी मारामारी शुरू हो गई है। गोरखपुर, लखनऊ, छपरा और मंडुआडीह से मुंबई के विभिन्न स्टेशनों के बीच रोजाना 24 स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद भी करीब पांच हजार वेटिंग टिकट बुक हो जा रहे है। यह तब है जब सिर्फ कंफर्म टिकटों पर ही यात्रा की अनुमति है।

अब और ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे को नहीं मिल रहा पाथ, ट्रेनों को खड़ी करने के लिए भी जगह नहीं

कोरोना की दूसरी लहर के बाद मुंबई जाने वाले पूर्वांचल और बिहार के प्रवासियों की अचानक भीड़ बढ़ने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे से 12, मध्य रेलवे से 15 और पश्चिम रेलवे से 11 सहित स्पेशल के रूप में कुल 38 ट्रेनें संचालित हैं। सात ट्रेनें पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों से होकर चल रहीं हैं। इनके अलावा और ट्रेनें चलाने को लेकर मंथन जारी है। लेकिन अतिरिक्त स्पेशल चलाने के लिए रेलवे को पाथ (रास्ता) ही नहीं मिल रहा। मुंबई के स्टेशनों पर तो ट्रेनें खड़ी करने के लिए जगह नहीं बच रही। जबकि, जाने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।

इसलिए टिकटों के लिए हो रही मारामारी

जानकारों के अनुसार त्योहारों, छुट्टियों और लग्न के दिनों में भी कभी मुंबई के लिए इतनी ट्रेनें नहीं चली थीं। दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण, पंचायत चुनाव और वैवाहिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए घर पहुंचे प्रवासी अब वापस होने लगे हैं। स्थिति सामान्य होने के बाद कंपनियों के ताले भी खुल गए हैं। कंपनी मालिक टिकट भेजकर प्रवासियों को बुलाने लगे हैं। लेकिन रेल है कि बैरन बनी हुई है।

वेटिंग टिकट पर भी शुरू हो गई यात्रा

रेलवे प्रशासन भले ही कंफर्म टिकटों पर यात्रा की दुहाई दे रहा, लेकिन लोग स्लीपर और जनरल (टूएस) श्रेणी के वेटिंग टिकट पर भी यात्रा करने लगे हैं। युवा प्रवासी तो बिना टिकट भी बैठ जा रहे हैं। जानकारों के अनुसार स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल टिकटों की बुकिंग नहीं होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। बर्थ और सीट के आधार पर ही सिर्फ आरक्षित टिकटों की बुकिंग हो रही है। ऐसे में वेटिंग बढ़ता जा रहा है। लेकिन स्लीपर और जनरल में यात्री भरकर जा रहे हैं। कोविड-19 प्रोटोकाल तार-तार हो रहा है। 


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