25 मिलीमीटर हुई बारिश, गलन के साथ बढ़ी ठंड
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव सिद्धार्थनगर में दिखाई दिया। मंगलवार की शाम से शुरू हुई बूंदाबांदी और हल्की बारिश का क्रम बुधवार की सुबह तक जारी रहा। रात से दोपहर तक 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बर्फीली हवा भी चलते रही। जिसके कारण कड़ाके की ठंड पड़ने लगी। सर्द मौसम की वजह से लोग घरों से कम निकले। सड़कों पर आवागमन भी कम दिख रहा।
सिद्धार्थनगर : पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव सिद्धार्थनगर में दिखाई दिया। मंगलवार की शाम से शुरू हुई बूंदाबांदी और हल्की बारिश का क्रम बुधवार की सुबह तक जारी रहा। रात से दोपहर तक 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बर्फीली हवा भी चलते रही। जिसके कारण कड़ाके की ठंड पड़ने लगी। सर्द मौसम की वजह से लोग घरों से कम निकले। सड़कों पर आवागमन भी कम दिख रहा। अधिकांश समय सन्नाटे की स्थिति बनी रही। अगले 48 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना जताई गई है।
वैसे तो मौसम कल सुबह से बदल गया था। पूरे दिन आसमान पर बादल छाए रहे और हवा चलती रही। शाम हुई तो बूंदाबांदी होने लगी। पूरी रात इसी तरह का मौसम बना रहा। सुबह में भी हल्की बारिश होती रही। तापमान में आई गिरावट के कारण ठंड बढ़ गई। जनजीवन भी प्रभावित हुआ। सरकारी कार्यालयों में चहल-पहल गायब रही तो विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर रही। मौसम खराब होने की वजह से कुछ स्कूलों में छुट्टी भी कर दी गई है। बाजारों की रौनक भी फीकी रही।
मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की वजह से कल से ही बूंदाबांदी और हल्की वर्षा हो रही है। कल रात तक 10 एमएम तो दोपहर तक 25 एमएम बारिश रिकार्ड दर्ज की गई।
गुरुवार की सुबह तक हल्की बारिश बनी रहेगी। न्यूनतम तापमान में फिर से गिरावट आने के कारण इधर कड़ाके की ठंड में और वृद्धि होगी।
खेतों की सिचाई लाभदायक है बारिश
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि खेतों की सिचाई के लिए बारिश बहुत हो लाभप्रद है। जिन किसानों ने गेहूं की पहले बोआई की है, उनके लिए ये बारिश दूसरे बार की सिचाई का काम करेगी और जिन्होंने देर में बोआई की है उनके लिए ये वर्षा काफी फायदेमंद होगी। इन दिनों फसलों के लिए सिचाई की बहुत आवश्यकता है ऐसे में ये वर्षा बहुत लाभदायक साबित होगी। बारिश से सरसों की फसल भी लहलहा उठी है, हां जिन खेतों में फसल गिर गई होगी, वहां थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है।