Gorakhpur Fertilizer Plant: गोरखपुर के खाद कारखाना से 20 हजार को मिलेगा रोजगार
Gorakhpur Fertilizer Plantखाद कारखाना में चार सौ को प्रत्यक्ष तो 20 हजार को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। नीम कोटेड यूरिया बेचने के लिए प्रदेश के 51 जिलों में 15 सौ से ज्यादा डीलर और रिटेलर को पहले ही चयनित कर लिया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। समृद्धि के साथ हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना रोजगार के द्वार खोल रहा है। खाद कारखाना में चार सौ को प्रत्यक्ष तो 20 हजार को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। नीम कोटेड यूरिया बेचने के लिए प्रदेश के 51 जिलों में 15 सौ से ज्यादा डीलर और रिटेलर को पहले ही चयनित कर लिया गया है। बिहार और झारखंड में भी एचयूआरएल अपना बिक्री नेटवर्क मजबूत करने में जुटा हुआ है।
जुलाई 2016 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था शिलान्यास
22 जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब खाद कारखाना का शिलान्यास किया तभी से रोजगार के रास्ते खुल गए थे। पुराने खाद कारखाना की निष्प्रयोज्य वस्तुओं को हटाने से खुला रोजगार का रास्ता 27 फरवरी 2018 से हजारों को रोजगार देने का जरिया बन गया। निर्माण में जुटी जापान की कंपनी टोयो ने 34 से ज्यादा कंपनियों से श्रमिक और अन्य संसाधनों को लिया। एक समय निर्माण कार्य में पांच हजार से भी ज्यादा श्रमिक खाद कारखाना से जुड़े थे। कोरोना संक्रमण काल में जब रोजगार नहीं मिल रहा था, तब भी खाद कारखाना में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए दो हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया गया था।
मुंबई से मंगाकर बेची गई थी यूरिया
एचयूआरएल प्रबंधन ने नीम कोटेड यूरिया की मार्केटिंग और बिक्री नेटवर्क को मजबूत करने के लिए पिछले साल मुंबई से मंगाकर यूरिया की बिक्री की। इस यूरिया को उज्ज्वला नाम से बेचा गया था। एचयूआरएल के खाद कारखाना में बन रही नीम कोटेड यूरिया का नाम 'अपना यूरिया सोना उगलेÓ है।
85 हजार 555 बोरी प्रतिदिन यूरिया का उत्पादन
खाद कारखाना में रोजाना 85 हजार 555 बोरी नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। एक बोरी में 45 किलोग्राम यूरिया होगी। स्थानीय स्तर पर यूरिया तैयार होने पर इसकी बिक्री में स्थानीय वाहनों का इस्तेमाल होगा। इससे भी रोजगार के रास्ते खुलेंगे।