पंजीकृत श्रमिकों को मिलेगा 18 योजनाओं का लाभ
श्रम रोजगार एवं सेवायोजन मंत्री ने श्रमिक पंजीकरण शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि अब श्रमिको को कई योजनाओं का एक साथ लाभ मिलेगा
गोरखपुर ,जेएनएन: श्रम रोजगार एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि श्रमिकों को अब किसी भी जरूरत के लिए भटकना नहीं पडे़गा। सरकार ने श्रमिकों के उत्थान के लिए खजाना खोल दिया है। इसके लिए जरूरत है श्रमिकों को अपना पंजीकरण कराने की। श्रमिकों को एक साथ 18 योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
सिद्धार्थनगर के सदर तहसील परिसर में आयोजित श्रमिक पंजीयन शिविर की शुरुआत करते हुए श्रम रोजगार एवं सेवायोजन मंत्री ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए असंगठित कर्मकार सुरक्षा बोर्ड का गठन किया गया है। इसके माध्यम से सभी प्रकार के श्रमिकों, कर्मकारों के हित के लिए काम किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि विभाग की ओर से निर्माण कामगार की दुर्घटना के दौरान मृत्यु पर पांच व सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी तरह से स्थायी अपंगता पर तीन व आंशिक अपंगता पर दो लाख रूपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। मृत्यु पर अन्त्येष्टि के लिए मिलेगी 25 हजार की आर्थिक सहायता। पंजीकृत श्रमिकों को दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री, लोहिया आवास योजना के तहत जिन्हें अभी तक आवास की सुविधा नहीं मिल सकी है, उन सभी श्रमिकों को आवासीय सुविधा मुहैया कराने के लिए एक लाख रुपये दिया जाएगा। सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार हर वर्ग के हित के लिए काम कर रही है। श्रमिकों के लिए इतनी बड़ी योजना की शुरुआत कर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार सभी सशक्त बनाने के लिए कटिबद्ध है। विधायक चौधरी अमर सिंह, डॉ.सतीश द्विवेदी, दुर्गा राय आदि ने भी विचार रखे। मनोज चौबे, आशीष शुक्ला, जफर अहमद, मनोज मौर्या आदि लोग मौजूद रहे।
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मजदूरों को हर वर्ष नहीं कराना होगा पंजीकरण
मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मजदूरों को अब हर वर्ष पंजीकरण नहीं कराना होगा। अब एक बार पंजीकरण कराने वालों को तीन वर्ष बाद ही अपना नवीनीकरण करना होगा। जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। कहाकि सरकार ने मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है। अभी तक पंजीकरण का शुल्क भी अधिक लिया जाता था अब शुल्क की राशि भी घटा दी गई है। अब पंजीकरण व नवीनीकरण के लिए श्रमिकों को 20 रूपए ही देने होंगे। जबकि अंशदान के रूप में 20 रूपए देने होंगे। श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाने का इंतजाम भी सरकार की ओर से किया जा रहा है।