Gorakhpur Coronavirus Death Toll: गोरखपुर में 10 साल के बच्चे सहित 14 संक्रमितों की मौत, पहली बार कोरोना से हुई बच्चे की मौत
Gorakhpur Coronavirus Death Toll 24 घंटे में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में 10 साल के बच्चे सहित 13 मौतें हुईं। पोर्टल पर अपडेट न होने से स्वास्थ्य विभाग ने बीआरडी में हुई केवल एक मौत की सूचना जारी है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी और स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। रविवार को 985 संक्रमित मिले, वहीं स्वस्थ होने वालों की तादात 1264 है। लेकिन लगातार हो रही मौतें विभाग की चिंता बढ़ा दी हैं।
24 घंटे में मिले 985 मरीज, कोविड मुक्त हुए 1264 लोग
24 घंटे में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में 10 साल के बच्चे सहित 13 मौतें हुईं। पोर्टल पर अपडेट न होने से स्वास्थ्य विभाग ने बीआरडी में हुई केवल एक मौत की सूचना जारी है। एक निजी अस्पताल में हुई मौत भी उनकी सूचना में शामिल है। इस तरह कुल 14 संक्रमितों की मौत हो गई।
जिले में संक्रमितों की संख्या हुई 49682, स्वस्थ हुए 41076
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में संक्रमितों की संख्या 49682 हो गई है। 41078 लोग स्वस्थ हो गए हैं। 522 की मौत हो चुकी है। 8082 सक्रिय मरीज हैं। कोरोना अब बच्चों को भी नहीं बख्श रहा है। अभी तक जितने बच्चे संक्रमित हुए थे। हंसते-खेलते ठीक हो गए। लेकिन सिद्धार्थनगर के एक 10 साल के बच्चे ने मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में दम तोड़ दिया। यह पहला मामला है कि जिले में कोरोना से 10 साल के बच्चे की मौत हुई है।
इनकी भी हुई मौत
इसी वार्ड में भर्ती गोरखपुर के पिपराइच, दिव्यनगर, सेवल ककराखोर व शिव नगर के व्यक्ति की भी मौत हो गई। इनकी उम्र क्रमश: 60, 68, 45 व 80 वर्ष थी। गीताप्रेस रोड की 45, अशोक नगर की 65, चिलुआताल की 60 व राजेंद्र नगर की 79 वर्षीय महिला ने भी आखिरी सांस ली। इसके अलावा 68 वर्षीय व्यक्ति की एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। मृतकों में कुशीगनर के दो, महराजगंज व अंबेडकर नगर के एक-एक मरीज भी शामिल हैं।
बिना सैंपल दिए भी पाजिटिव हो गए खड्डा विधायक
खड्ढा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी बिना सैंपल दिए भी पाजिटिव हो गए। जब सैंपल दिए थे, उस समय भी बीआरडी व निजी पैथोलाजी की रिपोर्ट अलग-अलग आई। वह चौंक तो तब गए जब रविवार को डिप्टी सीएमओ ने फोन कर कहा कि सात मई को आपका सैंपल लिया गया था। आप पाजिटिव आए हैं। दवा मैं भेज रहा हूं, उसे खाना शुरू कर दें। जबकि विधायक ने सात मई को कोई सैंपल दिया ही नहीं था।
खांसी व बुखार होने पर जटाशंकर त्रिपाठी ने 18 अप्रैल को निजी पैथोलाजी में जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। इसके बाद व होम आइसोलेट हो गए। 29 अप्रैल को उसी पैथोलाजी में जांच के लिए सैंपल दिए। दो मई तक रिपोर्ट नहीं आने पर उन्होंने पूछा तो पैथोलाजी ने बताया कि सैंपल गायब हो गया है। उसने कर्मचारी भेजकर तीन मई को उनका पुन: सैंपल एकत्र कराया।
उसी दिन उसने 29 अप्रैल को लिए गए सैंपल की निगेटिव रिपोर्ट भी दे दी। कहा कि सैंपल मिल गया। तीन को ही विधायक स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जांच कराई। चार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। तीन तारीख को लिए गए सैंपल का निजी पैथोलाजी ने सात मई को रिपोर्ट पाजिटिव दी। अब विधायक समझ नहीं पा रहे हैं कि खुद काे निगेटिव मानें या पाजिटिव। खैर वह अभी आइसोलेशन से बाहर नहीं आए हैं।