Unlock 1: नेपाल में फंसे 13097 भारतीय दो महीने बाद पहुंचे घर
लॉकडाउन के चलते नेपाल मे फंसे 13097 भारतीय अपने घर पहुंच चुके हैं। 14597 नेपाली नागरिक भी स्वदेश पहुंच गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा पर आवाजाही शुरू होने से पिछले दो माह से लॉकडाउन के चलते अब तक नेपाल मे फंसे 13097 भारतीय अपने घर पहुंच चुके हैं। 14597 नेपाली नागरिक भी स्वदेश पहुंच गए हैं। प्रतिदिन लगभग एक हजार यात्री अब सीमा पार कर यात्रा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर बार्डर पर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। यहां बाकायदा फार्म भरना पड़ रहा है। थर्मल स्क्रीङ्क्षनग के साथ ही हेल्थ चेकअप का प्रमाणपत्र देने का प्रावधान है।
बार्डर पार करने के अनुमति केवल भारतीय व नेपाली लोगों को
आब्रजन कार्यालय पर आवाजाही करने वाले दोनों देश के लोगों का पूरा ब्योरा रखा जा रहा है। बार्डर पर प्रत्येक जिले के लोगों की सूची बनाई जा रही है। पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि सोनौली स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के बाद ही आवाजाही की अनुमति दे रही है। फिलहाल आवाजाही की यह सुविधा केवल भारतीय-नेपाली लोगों के लिए ही है।
24 मई से मिली छूट, ठूठीबारी बार्डर से नो इंट्री
महराजगंज से नेपाल में इंट्री के लिए सोनौली व ठूठीबारी बार्डर से आवाजाही होती है। कोरोना वायरस को देखते हुए दोनों बार्डर पर 15 मार्च के बाद आवाजाही रोक दी गई थी। बीते 24 मई को सोनौली बार्डर से शर्तों के साथ इंट्री शुरू हुई, लेकिन ठूठीबारी मेन बार्डर पर प्रतिबंध जारी है।
1285 भारतीय व 668 नेपाली नागरिक पहुंचे स्वदेश
भारत व नेपाल के नागरिकों का अपने-अपने देश में आवागमन जारी है। भारत के 1285 नागरिक लॉकडाउन से ही नेपाल के गुल्मी, नवलपरासी, काठमांडू, लुंबिनी, बुटवल में फंसे हुए थे। सभी सोनौली बार्डर से जांचोपरांत आब्रजन कार्यालय पहुंचे। यहां रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें बसों से गृह जनपद के लिए रवाना कर दिया गया है। दूसरी तरफ भारत के विभिन्न शहरों में कार्यरत 668 नेपाली नागरिक जांच के बाद सोनौली सीमा के रास्ते स्वदेश भेजे गए।