बीआरडी मेडिकल कालेज में एडमिशन के नाम पर 12.50 लाख की ठगी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के दाम पर साढ़े बारह लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर रांची के एक कंसल्टेंट इंजीनियर से 12.50 लाख रुपये की ठगी हो गई। ठग तीन दिन से इंजीनियर परिवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंपस में घुमा रहे थे। बेटी को लेकर प्राचार्य कार्यालय भी गए थे। कॉलेज के नाम से ड्राफ्ट बनवाकर उसकी रसीद भी सौंपी थी। इंजीनियर ने गुलरिहा पुलिस को तहरीर दी है। गुलरिहा पुलिस ने दो अज्ञात लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया।
रांची के 45 न्यू एजी कोआपरेटिव कॉलोनी कडरू निवासी प्रभात सिन्हा कंसल्टेंट इंजीनियर हैं। बेटी प्रांजलि ने इस साल नीट दिया था लेकिन उसका कहीं एडमिशन नहीं हो सका था। बकौल प्रभात दो महीने पहले खुद को दिल्ली निवासी बताने वाले मनोज शर्मा और कोलकाता निवासी बताने वाले यदुनाथ पी ने उनसे फोन पर संपर्क किया। कहा कि सेंट्रल कोटे से बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में बेटी का एडमिशन करा देंगे। एडमिशन के एवज में 60 लाख रुपये की बात की। उन्होंने रुपये मांगे तो प्रभात ने एडमिशन के बाद रुपये देने की बात कही। कुछ दिनों पहले दोनों रांची स्थित प्रभात के कार्यालय पहुंचे और एडमिशन के नाम पर 37 हजार 800 रुपये का ड्राफ्ट मांगा। इसके बाद प्रभात सिन्हा पत्नी और बेटी के साथ कार से गोरखपुर पहुंचे।
रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में ठहरे। एक अक्टूबर को महेश ओर यदुनाथ होटल आए और सभी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां 50 हजार रुपये ले लिए। फिर वह प्रांजलि को लेकर प्राचार्य के कार्यालय में गए और थोड़ी देर बाद फार्म भरने के नाम पर बाहर आए। फिर ड्राफ्ट लेकर कार्यालय में चले गए। यहां से बाहर आकर रसीद दे दी। शाम को होटल में आकर 11.50 लाख रुपये लिए। अगले दिन वह नहीं आए तो इंजीनियर प्राचार्य के घर गए। वहां मौजूद गार्ड ने रसीद सही बताई तो सभी होटल वापस आ गए। इसके बाद दूसरे दिन दोनों व्यक्ति आए और इंजीनियर परिवार को लेकर फिर मेडिकल कॉलेज गए। यहां फिर 50 हजार रुपये लिए और 10 मिनट में हॉस्टल आवंटन लेटर ले आने की बात कहकर फरार हो गए।
इस संबंध में बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य गणेश कुमार ने कहा कि मामला पूरी तरह फर्जी है। एलाटमेंट नंबर, बिल पर हस्ताक्षर सभी फर्जी है। अभिभावक को एफआइआर कराने के लिए कहा है। संस्था की बदनामी करने वाले बेनकाब होने चाहिए।