International Yoga Day 2020: गोरखपुर में 11 हजार लोगों ने ऑनलाइन किया योग
International Yoga Day 2020 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गोरखपुर में 11 हजार लोगों ने ऑनलाइन योग किया।
गोरखपुर, जेएनएन। गुरु गोरखनाथ योग संस्थान और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित सात दिवसीय योग शिविर का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सुबह रविवार को ऑनलाइन सामूहिक योग के साथ समापन हुआ। इस योग कार्यक्रम में संस्था से जुड़े 11 हजार लोगों ने अपने घर से ही हिस्सा लिया। योग प्रक्रिया को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए परिषद की शिक्षण संथाओं ने अपने-अपने फेसबुक पेज से योगाचार्यों के जरिए लोगों का मार्गदर्शन किया।
योगाभ्यास के साथ हुआ सात दिवसीय योग शिविर का समापन
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक परिषद से जुड़ी सभी शिक्षण संस्थाओं के फेसबुक पेज पर सुबह साढ़े पांच बजे सक्रियता दिखने लगी। ठीक छह बजे योगाचार्यों ने पेज पर योगासन शुरू कर दिया और उनके मार्गदर्शन में लोगों ने घरों में अपने परिवार के साथ योगाभ्यास की क्रिया को आगे बढ़ाया। उसके बाद तो यह प्रक्रिया पूरे दो घंटे चली। योगासन के दौरान योगाचार्य संबंधित आसन की खूबियां और उसके फायदे भी बता रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के योगाचार्य डाॅ. चंद्रजीत यादव मंदिर परिसर से लोगों से ऑनलाइन जुड़े और उन्हें योगासन कराया। इस दौरान डाॅ. यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर मेें योग का महत्व और बढ़ गया है। योग मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे संक्रमण की आशंका न्यूनतम हो जाती है। शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह ने शिविर के समापन के बाद बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश और मार्गदर्शन में कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑनलाइन योग शिविर का आयोजन किया। आयोजन पूरी तरह सफल रहा। बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़े और योग के महत्व के बारे में जाना।
जागरण ने दिया योग के जरिये आरोग्य का मंत्र
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रविवार को दैनिक जागरण व प्राकृतिक चिकित्सा प्रेमी संस्थान के प्रयासों से फेसबुक लाइव के जरिये हजारों लोगों तक योग के जरिये आरोग्य का मंत्र पहुंचा। कोविड 19 नियमों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष लोगों को एक जगह समूह में योगाभ्यास नहीं कराया गया। यह सुविधा उन्हें ऑनलाइन प्रदान की गई। लाइव प्रसारण का केंद्र आरोग्य मंदिर को बनाया गया था। आयोजन में आयुष के सेंट्रल काउंसिल ऑफ योगा एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली का सहयोग रहा। हालांकि कुछ लोग प्रसारण केंद्र पर भी पहुंच गए थे। उन्हें दूर-दूर बैठाकर योगाभ्यास कराया गया। योगाचार्य डॉ. पीयूष पाणि पांडेय ने योगाभ्यास कराने के साथ ही योग व स्वास्थ्य के रिश्ते को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश की। उन्होंने अनेक व्यायाम, योगासन व प्राणायाम का प्रयोग कराया। योगासनों की शुरुआत कलाई संचालन से हुई। इसके बाद कुहनी संचालन, ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन आदि व्यायाम कराए गए। इसके बाद लोगों ने खड़े होकर ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, त्रिकोणासन आदि तथा बैठकर मंडूकासन, शशांकासन व लेटकर उत्तानपादासन, अर्धपादासन, पवन मुक्तासन व शवासन आदि किया। योगासनों के बाद प्राणायाम की प्रक्रिया शुरू हुई। अनुलोम-विलोम व भस्त्रिका प्राणायाम कराए गए। अंत में ओंकार के उच्चार व शांति पाठ से कार्यक्रम को विराम दिया गया। संचालन अजय तिवारी व धन्यवाद ज्ञापन आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी ने किया।
भारत ने शिव व पतंजलि जैसे महापुरुषों को जन्म दिया। जिन्होंने हमें योग के रूप में स्वास्थ्य का माध्यम दिया। आयोजन के लिए जागरण को बहुत-बहुत धन्यवाद। - डॉ. सत्या पांडेय, पूर्व महापौर
योग का सही अर्थ, करने पर ही पता चलता है। कहने से सिर्फ संकेत मिलते हैं। यह हमें स्वास्थ्य ही प्रदान नहीं करता बल्कि आध्यात्मिक ऊंचाई भी देता है। - डॉ. विमल मोदी, निदेशक, आरोग्य मंदिर
प्राचीन काल में योग हमारे जीवन का अंग था। आज पुन: इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा। हर व्यक्ति योग करेगा, तभी यह देश व समाज स्वस्थ रहेगा। - डॉ. स्मिता मोदी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ
योग शरीर के भीतर के विजातीय तत्वों को बाहर निकालने और भरपूर मात्रा में प्राण वायु का ग्रहण करने का माध्यम है। इससे मन को शांति व आनंद मिलता है। - डॉ. पीयूष पाणि पांडेय, योगाचार्य