परमानंद श्रीवास्तव का जीवन वृत्त
जन्म - 10 फरवरी 1935
जन्म स्थान -बांसगांव, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश
शिक्षा- एमए (हिंदी) आगरा विश्वविद्यालय (1956)
पीएचडी - हिंदी कहानी की रचना प्रकिया (1963) गोरखपुर विश्वविद्यालय
डी.लिट्-खड़ी बोली काव्यभाषा का विकास,(1975 गोरखपुर विश्वविद्यालय)
अध्यापन- सेंट एंड्रयूज कालेज गोरखपुर के हिंदी विभाग में अध्यक्षता तथा अध्यापन (1956-1969)
-1969 से सेवानिवृत्ति तक गोरखपुर विश्वविद्यालय में अध्यापन
बीच में एक वर्ष के लिए वर्द्धमान विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल में बतौर प्रोफेसर अध्यापन
-1989 से 1995 : प्रोफेसर, प्रेमचंद पीठ गोरखपुर विश्वविद्यालय
विशिष्ट सदस्यता - केंद्रीय साहित्य अकादमी, साधारण सभा एवं परामर्श मंडल (1983-92)
प्रकाशित कृतियां
कविता-संग्रह।
- उजली हंसी के छोर पर (1960)
- अगली शताब्दी के बारे में (1980)
- चौथा शब्द (1993)
-एक अनायक का वृत्तात (2004)
आलोचना
-नयी कविता का परिपेक्ष्य (1965)
-हिंदी कहानी की रचना प्रक्रिया (1980)
-कवि कर्म और काव्य भाषा (1975)
-उपन्यास का यथार्थ और रचनात्मक भाषा (1976)
-जैनेंद्र के उपन्यास -(1976)
-समकालीन कविता का यथार्थ-(1980)
-शब्द और मनुष्य -(1988)
-कविता का पाठ और काव्यमर्म - (1992)
-उपन्यास का जनपद और उपन्यास की मुक्ति -(1994)
-उपन्यास का पुनर्जन्म (1995)
- निराला (साहित्य अकादमी)( उर्दू और उड़िया में अनूदित)
-जायसी (साहित्य अकादमी) (पंजाबी में अनूदित)
संपादित पुस्तकें
-समकालीन हिंदी कविता
-महादेवी
-शेखर एक जीवनी का महत्व
-निराला की कविताएं :मूल्यांकन और मूल्यांकन
-प्रतिनिधि कविताएं :केदार नाथ सिंह
पत्रिकाओं का संपादन
आलोचना (राजकमल प्रकाशन)
साखी (प्रेमचंद साहित्य संस्थान)
पुरस्कार -सम्मान
-कविकर्म और काव्यभाषा आलोचना
-उपन्यास का यथार्थ और रचनात्मक भाषा
-समकालीन कविता का यथार्थ आलोचना
अगली शताब्दी के बारे में कविता
उपर्युक्त कृतियां उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत
समकालीन कविता का यथार्थ पुस्तक के लिए आलोचना के रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार से सम्मानित
साथ ही
-भारत भारती सम्मान उत्तर प्रदेश सरकार का
- व्यास सम्मान बिड़ला फाउंडेशन
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