Move to Jagran APP

गोरखपुर मेडिकल कालेज में हो चुकी है कोरोना की 10 लाख आरटीपीसीआर जांच

पिछले साल जब कोरोना के बारे में बहुत कुछ पता नहीं था। 24 अप्रैल को एक आरटीपीसीआर मशीन से जांच शुरू हुई। विभाग के पास सिर्फ आठ कर्मचारी थे। 24 घंटे में अधिकतम 500 नमूनों की जांच हो पाती थी। इसके बाद दो और मशीनें आ गई हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 04:07 PM (IST)
गोरखपुर मेडिकल कालेज में हो चुकी है कोरोना की 10 लाख आरटीपीसीआर जांच
गोरखपुर मेडिकल कालेज में कोरोना जांच का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में बुधवार तक 10 लाख कोरोना के नमूनों की रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) जांच हो चुकी है। यह जांच पिछले साल 24 अप्रैल को शुरू हुई थी। इस बीच विभागाध्यक्ष सहित 43 कर्मचारी पाजिटिव भी हुए लेकिन हिम्मत नहीं हारी। इसमें से एक कर्मचारी दोनों लहर में पाजिटिव हुआ था।

loksabha election banner

पिछले साल एक मशीन से शुरू हुई जांच

पिछले साल जब कोरोना के बारे में बहुत कुछ पता नहीं था। 24 अप्रैल को एक आरटीपीसीआर मशीन से जांच शुरू हुई। विभाग के पास सिर्फ आठ कर्मचारी थे। 24 घंटे में अधिकतम 500 नमूनों की जांच हो पाती थी। इसके बाद दो और मशीनें आ गई हैं। लैब टेक्नीशियनों व कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 55 कर दी गई। जांच क्षमता दो हजार तक बढ़ गई है। दूसरी लहर जब अप्रैल में शुरू हुई तो इन्हीं कर्मचारियों व मशीनों से 24 घंटे में पांच हजार नमूनों की जांच की जाने लगी।

अब पांच मशीनों से जांच

अब पांच मशीनें और मिल चुकी हैं। विभागाध्यक्ष डा. अमरेश सिंह के मुताबिक 24 घंटे में सामान्यतया आठ हजार नमूनों की जांच की क्षमता हो गई है। विषम परिस्थितियों में 10 हजार से अधिक जांच की जा सकेगी। विभागाध्यक्ष सहित 43 कर्मचारी नमूनों की जांच करते-करते पाजिटिव हो गए थे। उन्होंने कोरोना को मात देने के बाद पुन: अपनी जिम्मेदारी संभाल ली। जांच में डा. अमरेश कुमार सिंह, प्रवक्ता जयेश पांडेय, माइक्रोबायोलाजिस्ट विवेक कुमार गौड़, अंकुर चौधरी, सिद्धार्थ राय, लैब टेक्नीशियन उमेश चौधरी, अखिलानंद राय, अंबरीश त्रिपाठी, अभिषेक राम त्रिपाठी, विवेक गुप्ता, श्री देवेंद्र कुमार, बृजपाल वर्मा, दुर्गा प्रसाद, जितेंद्र गिरी, श्री सुरेंद्र, चण्डी प्रसाद मिश्रा, बृजेश रंजन, कृतिका, जग मोहन प्रसाद, चंद्रभान व राम लखन का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

पहली लहर में हुई थी पांच लाख जांच

पहली लहर के दौरान पांच लाख नमूनों की जांच हुई थी। जितनी जांच पहली लहर के एक साल में हुई थी। उतनी दूसरी लहर के मात्र चार माह में हो गई। पहली लहर के दौरान सितंबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर विभाग को बायोसेफ्टी लेवल थ्री (बीएसएसल-3) लैब मिली। इसके बाद जांच में तेजी आई, साथ ही कर्मचारी पहले की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित हो गए। लैब में आटोमेटिक मशीनें लगी हैं। इसकी वजह से जो जांच पहले 12 घंटे में होती थी, अब वह छह-सात घंटे में हो जाती है। दूसरी लहर में एक दिन 10700 जांच की गई, यह अब तक का रिकार्ड है। बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि माइक्रोबायोलाजी विभाग ने अपनी क्षमता से ज्यादा काम किया। इस कार्य में शासन व जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला। पर्याप्त मशीनें और कर्मचारी मिले। अधिक जांच की वजह से दूसरी लहर में कोरोना पर जल्दी नियत्रंण प्राप्त किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.