खरीद का दबाव या कोई और था तनाव
गोंडा : प्रभारी सीएमओ डॉ. सैय्यद गयासुल हसन की मौत के बाद तनाव को लेकर कई सारे सवाल फिजां में तैर रह
गोंडा : प्रभारी सीएमओ डॉ. सैय्यद गयासुल हसन की मौत के बाद तनाव को लेकर कई सारे सवाल फिजां में तैर रहे हैं। दरअसल, जिले में वित्तीय वर्ष 2017-18 में दवा खरीद में अनियमितता की शिकायत के मामले की जांच फैजाबाद स्थित पुलिस का सतर्कता अधिष्ठान पहले से ही कर रहा है।
एनएचआरएम के तहत क्रय की गयीं दवाओं का नाम, अभिलेख, रजिस्टर के साथ ही इस अवधि में तैनात अधिकारियों की तैनाती का विवरण भी पिछले दिनों भेजा गया था। हालांकि कोई खुलकर तो नहीं बोल रहा है लेकिन कई सारे राज ऐसे हैं, जो काफी कुछ कह रहे हैं। दवा खरीद पर टिकी नजर
- पुलिस सूत्रों की मानें तो उनके पास सबसे बड़ा प्रभार दवा खरीद का था। ऐसे में पिछले दो सालों में दवा खरीद व उससे जुड़े विवादों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। पिछले वर्ष एक सीएमओ के सूक्ष्म हस्ताक्षर से जुड़ी खरीद संबंधी आदेश जारी होने का मामला सामने आया था, हालांकि इस आदेश को निरस्त कर दिया गया था। बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जांच दी गई थी। पुलिस अब उन सभी मामलों की फाइलें खंगाल रही है, जो दबाव की वजह हो सकते थे।
एक नजर डॉक्टर पर
- प्रयागराज के रहने वाले डॉ. गयासुल हसन की लंबे समय से जिले में तैनाती थी। 18 साल पहले उनकी पहली तैनाती बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील में हुई थी। इसके बाद उनका तबादला गोंडा में हो गया। वह इससे पहले काजीदेवर, मुजेहना, रुपईडीह व बेलसर में अधीक्षक के साथ ही नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कुष्ठ व क्षय रोग अधिकारी भी रह चुके हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी हिना हसन व दो बेटे अजीम व मुन्नवर हैं।
जिम्मेदार के बोल
डॉ. गयासुल हसन ने कभी भी किसी भी तरह के दबाव की बात हमें नहीं बताई। वह एक बेहतर व विश्वसनीय अधिकारी थे। हर सीएमओ उन पर विश्वास करते थे।
- डॉ. एसके श्रीवास्तव, सीएमओ