शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र जरूरी
मसकनवां(गोंडा) विश्व प्रसिद्ध स्वामी नारायण मंदिर छपिया में परम्परा गत रूप से शस्त्र पूजन किया गया । इस मौके पर तलवार ढाल भुजाली वरक्षी कटार भाला बंदूक व पिस्टल का पूजन महन्थ ब्रम्हचारी स्वामी वासुदेवानंद ने विधि विधान से पूजन किया । उन्होंने कहा कि शस्त्र और शास्त्र एक दूसरे के पूरक है । शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र की आवश्यकता होती है । वहीं शस्त्र का संतुलन शास्त्र के माध्यम से ही संभव है । वैदिक काल से ही शस्त्र और शास्त्र की परम्परा रही है । यही मानव धर्म है । इस मौके पर चिराग भाई माधव राम तिवारी अम्बालाल पप्पू तिवारी उमेश पांडेय राधेरमण पांडेय सहित बड़ी संख्या में हरि भक्त मौजूद रहे।
गोंडा: स्वामी नारायण मंदिर छपिया में शस्त्र पूजन किया गया। तलवार, ढाल, भुजाली, वरक्षी, कटार, भाला, बंदूक, व पिस्टल का पूजन महंत ब्रह्मचारी स्वामी वासुदेवानंद ने विधि-विधान से किया। उन्होंने कहा कि शस्त्र और शास्त्र एक दूसरे के पूरक हैं। शास्त्र की रक्षा के लिए शस्त्र की आवश्यकता होती है। वहीं शस्त्र का संतुलन शास्त्र के माध्यम से ही संभव है। वैदिक काल से ही शस्त्र और शास्त्र की परम्परा रही है। यही मानव धर्म है। चिराग भाई, माधव राम तिवारी, अंबालाल, पप्पू तिवारी, उमेश पांडेय, राधेरमण पांडेय आदि मौजूद रहे।