किसान बताएंगे पौधे जिदा हैं या नहीं
पौधारोपण के दावे के बाद लापरवाही का भी खुलासा हुआ। वन विभाग द्वारा तरबगंज क्षेत्र के गांवों में पौधरोपण के दावे को विभागीय कर्मचारियों ने हवा हवाई साबित किया।
गोंडा : मिशन-22 करोड़ के तहत हुए पौधारोपण की पड़ताल शुरू हो गई है। अगस्त में अभियान के तहत 24 विभागों ने 43 लाख पौधे लगाने का दावा किया था। सबसे ज्यादा पौधे लगाने की जिम्मेदारी ग्राम्य विकास, वन विभाग व उद्यान विभाग के पास थी। मनरेगा के तहत किसानों के खेतों में करीब 18 लाख पौधे लगवाए गए थे। शासन स्तर से पौधों का थर्ड पार्टी सत्यापन का फैसला होने के बाद पौधे की खोजबीन शुरू हो गई है। गांवों में लगवाए गए कितने पौधे जीवित हैं और कितने मृत हो गए, इसका प्रमाण पत्र किसानों के हस्ताक्षर से लिया जाएगा। डीएम डा. नितिन बंसल ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से बिदुवार रिपोर्ट मांगी है। किस विभाग ने लगवाए कितने पौधे
- वन विभाग 1617650, ग्राम्य विकास 1834182, राजस्व 164140, पंचायतीराज विभाग 179180, आवास विकास 600, नगर विकास 29375, लोक निर्माण विभाग 28715, सिचाई 26600, रेशम पालन 15000, कृषि 58896, पशुपालन विभाग 6650, सहकारिता 7100, उद्योग 9086, विद्युत 7120, माध्यमिक शिक्षा विभाग 72320, बेसिक शिक्षा 71854, प्राविधिक शिक्षा 12510, उच्च शिक्षा 23752, श्रम विभाग 8867, स्वास्थ्य 10649, परिवहन विभाग 3700, रेलवे 6652, उद्यान 180515 व पुलिस विभाग ने 7680 पौधे लगवाए थे। लापरवाही का भी हुआ खुलासा
-पौधारोपण के दावे के बाद लापरवाही का भी खुलासा हुआ। वन विभाग द्वारा तरबगंज क्षेत्र के गांवों में पौधरोपण के दावे को विभागीय कर्मचारियों ने हवा हवाई साबित किया। कहीं पौधे सूख रहे थे तो कहीं झाड़ियां लगी हुई थीं। शिकायत के बाद प्रमुख वन संरक्षक विष्णु सिंह ने स्वयं छापेमारी की। जांच में मामला सही मिलने पर वन दरोगा व वन रक्षक को निलंबित किया गया। वहीं, वन क्षेत्राधिकारी तरबगंज से भी जवाब तलब हुआ।