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अटलजी की यादों को समेटे है गोंडा

अटलजी की यादों में खोए पूर्व विधायक तुलसीदास रायचंदानी बताते हैं कि बात वर्ष 1962 की है। अटलजी बलरामपुर संसदीय सीट से चुनाव हारने के बाद जब उन्हें राज्यसभा सदस्य नामित किया गया था तो वह अपनों से मिलने बलरामपुर (तब गोंडा में शामिल) आए थे

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 10:25 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 10:25 PM (IST)
अटलजी की यादों को समेटे है गोंडा
अटलजी की यादों को समेटे है गोंडा

गोंडा : भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली गोंडा रह चुका है। यहां के कई लोग उनके साथ बिताए पलों को आज भी याद कर भावुक हो उठते हैं। अटलजी की यादों में खोए पूर्व विधायक तुलसीदास रायचंदानी बताते हैं कि बात वर्ष 1962 की है। अटलजी बलरामपुर संसदीय सीट से चुनाव हारने के बाद जब उन्हें राज्यसभा सदस्य नामित किया गया था तो वह अपनों से मिलने बलरामपुर (तब गोंडा में शामिल) आए थे। बलरामपुर शहर के बीच स्थित वीरविनय चौक पर हजारों समर्थक जुटे थे। तभी वहां एक वृद्ध भीड़ से निकलता हुआ उनके सामने पहुंचा। अटलजी ने पूछा पंडित जी कैसे हैं। तभी वह बोल पड़े कि आप लोकसभा चुनाव हारे हैं। अब कहां हैं ? इस पर अटलजी हंसते हुए बोले कि अब मैं परलोकसभा में हूं। इस पर वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े। अटलजी की हाजिर जवाबी व कार्यकर्ताओं के बीच उनकी मौजूदगी लोगों में उत्साह भरती थी। पूर्व विधायक चंदानी बताते हैं कि वर्ष 1957 में जब वह बलरामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने आए तो उन्हें ट्रेन से लेने रामदुलारे पाठक गए हुए थे। ट्रेन आई और लेकिन पाठक को अटलजी नजर नहीं आए। इस पर उन्होंने पाठकजी को पुकारते हुए कहा-समय देकर अटल का पहुंचना अटल है भाई। मैं ही अटल बिहारी वाजपेयी हूं। ऐसे ही उनके कई संस्मरण हैं जो लोगों के दिलों में बसे हैं।

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दूसरी तरफ गोंडा-बलरामपुर मार्ग पर करीब 50 एकड़ में बसाए गए जयप्रभाग्राम में भी अटलजी अपने चुनाव के दौरान कई रातें गुजार चुके हैं। नानाजी देशमुख द्वारा बसाए गए जयप्रभाग्राम में अटलजी के कई संस्मरण ऐसे हैं जो वहां के लोग आज भी समेटे हुए हैं। दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव रामकृष्ण तिवारी ने बताया कि अटलजी की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।


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