बकाया 12 लाख न मिलने पर अस्पताल की सुरक्षा हटाई
जिला महिला अस्पताल की सुरक्षा में तैनात 15 होमगार्डों को पिछले एक साल से मानदेय नहीं मिला। 12 लाख रुपये की बकायेदारी के बाद महिला अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा हटा दी है। जिससे अब यहां पर सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। महिला कर्मचारियों का कहना है कि सुरक्षा न होने से काफी परेशानी हो रही है। ओपीडी से लेकर वार्ड तक में समस्या है। फिलहाल एसपी को पत्र लिखा गया है।
गोंडा : जिला महिला अस्पताल की सुरक्षा में तैनात 15 पीआरडी जवानों को पिछले एक साल से मानदेय नहीं मिला। 12 लाख रुपये की बकायेदारी के बाद महिला अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा हटा दी है, जिससे अब यहां पर सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। महिला कर्मचारियों का कहना है कि सुरक्षा न होने से काफी परेशानी हो रही है। ओपीडी से लेकर वार्ड तक में समस्या है। फिलहाल एसपी को पत्र लिखा गया है।
जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 400 मरीज आते हैं। इससे ज्यादा उनके तीमारदार भी साथ रहते हैं। ऐसे में होने वाले हंगामे को देखते हुए तत्कालीन सीएमएस डॉ. अरुण लाल ने यहां पर पीआरडी के 15 जवानों को लगाया था। दिसंबर माह से काम करने के बाद भी उनको स्वास्थ्य विभाग एक पाई का भी भुगतान नहीं कर सका। कई बार लिखा-पढ़ी की गई लेकिन विभाग ने उसमें यह आपत्ति लगा दी कि किसके आदेश पर गार्ड रखे गए थे। करीब 12 लाख रुपये की बकायेदारी के बाद महिला अस्पताल प्रशासन ने यहां पर तैनात पीआरडी जवानों को हटा दिया है। होमगार्ड्स कमांडेंट को पत्र लिखा तो उन्होंने कुंभ मेले का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए। अब एक बार फिर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है। महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एपी मिश्र का कहना है कि पूरे प्रकरण से अधिकारियों को अवगत कराया गया है। इनसेट
तीमारदार करते विवाद
- महिला अस्पताल में गार्डों को हटाए जाने के बाद से सुरक्षा को लेकर परेशानी है। कर्मियों की मानें तो वार्ड में एक-एक मरीज के पास चार-पांच तीमारदार रहते हैं। उन्हे बाहर जाने की बात कहने पर वह विवाद करने लगते हैं।